हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री Shyam Singh Rana ने आज यमुनानगर जिले के रादौर कस्बे से प्रदेश में 21वें पशुधन गणना अभियान की शुरुआत की।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि 1919 में पहली बार शुरू हुई पशुधन गणना अब हर पांच साल में होती है,
जो पशुपालन नीति निर्माण और क्षेत्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाती है।
पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण
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पशुधन गणना में पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर पालतू जानवरों और पोल्ट्री के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।
इस सर्वेक्षण में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा और पोल्ट्री पक्षियों की गिनती होगी।
साथ ही, पशुपालन से जुड़े नागरिकों के पास उपलब्ध डेयरी उपकरणों की भी जानकारी प्राप्त की जाएगी,
जो पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।
मंत्री Shyam Singh Rana – 1079 पशु चिकित्सालय
पशुपालन मंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में कुल 2928 पशु चिकित्सा संस्थान स्थापित किए गए हैं,
जिनमें 1079 पशु चिकित्सालय और 1796 पशु औषधालय शामिल हैं।
इसके अलावा, 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां भी चलायी जा रही हैं,
जो टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके पशुपालकों को घर पर ही पशु स्वास्थ्य और प्रजनन सेवाएं प्रदान करती हैं।
मंत्री ने यह भी साझा किया कि राज्य का वार्षिक दूध उत्पादन 119.65 लाख टन तक पहुंच गया है,
जो प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1098 ग्राम दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जो राष्ट्रीय स्तर से दोगुना है।
राज्य सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में पशु चिकित्सा दवाओं के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है,
जो पशुपालकों को नि:शुल्क दी जाएगी।
इसके साथ-साथ, देसी गायों और मुर्राह भैंसों के पालन के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की है,
ताकि पशुपालन को और अधिक बढ़ावा मिल सके।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री विजय सिंह दहिया और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।