Janmashtami: हिंदू धर्म का एक बहुत ही लोकप्रिय उत्सव है, जो भगवान विष्णु के अवतार, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आता है। इस साल यह पर्व 26 अगस्त को मनाया जा रहा है वैसे तो Janmashtami का पर्व धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक गतिविधियों से भरपूर होता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण इसमें क्या होता है क्या आप जानते है ?
Janmashtami की रात ‘दही हांडी‘ का आयोजन
जन्माष्टमी की रात, विशेष रूप से ‘दही हांडी’ का आयोजन होता है, जो इस पर्व का एक खास आकर्षण है। दही हांडी भगवान कृष्ण के चंचल और शरारती बचपन का प्रतीक है, जब उन्होंने मक्खन और दही चुराने की आदत डाली थी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण की उन अद्भुत और मासूमियत भरी घटनाओं को याद करना है, जो उनकी बचपन की मस्ती और लोगों से जुड़ाव को दर्शाती हैं।
विशाल मानव पिरामिड
दही हांडी के दौरान, रंग-बिरंगे वस्त्रों में लिपटी भीड़ एक विशाल मानव पिरामिड बनाती है, जिसके शीर्ष पर एक मिट्टी की हांड़ी लटकी होती है । इस बर्तन में दही, मक्खन और मिठाइयां भर कर रखी जाती हैं। जब यह मानव पिरामिड बर्तन तक पहुंचता है, तो उसे फोड़ दिया जाता है, और उसके भीतर की सामग्री उत्साही भीड़ पर गिर जाती है। यह उत्सव न केवल भगवान कृष्ण के जीवन की मस्ती को दर्शाता है, बल्कि एकता और टीमवर्क की ताकत को भी साबित करता है।
हर किसी का प्रयास, सामूहिक समन्वय और विश्वास इस आयोजन के केंद्रीय तत्व हैं। यह मानव पिरामिड बनाना सहयोग और सामूहिक प्रयास की एक मिसाल पेश करता है, जो सबको एक सामान्य लक्ष्य की ओर एक साथ काम करने की प्रेरणा देता है।
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दही हांडी का आयोजन एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के उत्सव और परंपराएं होती हैं। इस उत्सव के माध्यम से भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं और उनके चंचल बचपन की खुशबू को हर साल ताजगी के साथ मनाया जाता है, और समाज में एकता और खुशहाली का संदेश फैलाया जाता है।