DLSA पंचकूला ने किया पुलिस अधिकारियों के लिए कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित!

चंडीगढ़, 20 फरवरी: जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (DLSA), पंचकूला ने हरियाणा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार कॉन्फ्रेंस हॉल, एडीआर सेंटर, जिला न्यायालय में एक कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित महत्वपूर्ण कानूनी मिसालों के प्रति जागरूक करना था। शिविर में मुख्य वक्ता श्री बृज मोहन वशिष्ठ, पैनल अधिवक्ता, डीएलएसए पंचकूला रहे।

अनावश्यक गिरफ्तारी रोकने पर हुई चर्चा

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सीजेएम एवं डीएलएसए सचिव सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने बताया कि इस सत्र के दौरान पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के दो महत्वपूर्ण फैसलों – अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014) और सतेंद्र कुमार अंतिल बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (2022) – की जानकारी दी गई।

श्री बृज मोहन वशिष्ठ ने अर्नेश कुमार मामले पर चर्चा करते हुए बताया कि सीआरपीसी की धारा 41 और 41A के तहत अनावश्यक गिरफ्तारियों को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यह फैसला व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करता है और पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी करने से पहले उचित कारण दर्ज करने के लिए बाध्य करता है। इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 35 के प्रावधानों पर भी चर्चा की गई, जो पुलिस को यह निर्देश देती है कि वे कब बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकते हैं।

जमानत प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर

इसी तरह, सतेंद्र कुमार अंतिल मामले (2022) पर चर्चा करते हुए मुख्य वक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपराधों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर जमानत देने की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की है। इस फैसले का उद्देश्य आरोपियों को अनावश्यक हिरासत में रखने से बचाना और जांच एजेंसियों को निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रेरित करना है।

पुलिस अधिकारियों को कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के निर्देश

सुश्री भारद्वाज ने कहा कि इस सत्र में पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी और जांच के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई। मनमानी गिरफ्तारी को रोकने और संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि वरिष्ठ और कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस शिविर में उत्साहपूर्वक भाग लिया और इन कानूनी फैसलों को लागू करने में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर चर्चा की।

इस अवसर पर सुश्री भारद्वाज ने कहा कि डीएलएसए, पंचकूला कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने और न्याय को हर नागरिक तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस तरह के जागरूकता शिविर कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायिक आदेशों के बीच की दूरी को कम करने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर सीजेएम एवं डीएलएसए सचिव सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने कहा कि डीएलएसए, पंचकूला कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने और न्याय को हर नागरिक तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के जागरूकता शिविरों का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायिक आदेशों के बीच तालमेल स्थापित करना है, ताकि न्यायिक आदेशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जा सके।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को अपनी कार्यशैली में लागू करें और न्यायपालिका के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच प्रक्रिया सुनिश्चित करें।

डीएलएसए पंचकूला की ओर से जागरूकता कार्यक्रम जारी रहेंगे

सुश्री भारद्वाज ने बताया कि भविष्य में भी पुलिस अधिकारियों, अधिवक्ताओं, सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए ऐसे जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि कानूनी ज्ञान में वृद्धि हो और कानून के सही अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके।

इस जागरूकता कार्यक्रम में पंचकूला पुलिस विभाग के वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। शिविर के समापन पर सभी अधिकारियों ने इस सत्र को अत्यंत ज्ञानवर्धक और व्यावहारिक रूप से उपयोगी बताया।

डीएलएसए, पंचकूला के इस प्रयास से न केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा, बल्कि आम नागरिकों को भी न्यायिक फैसलों का लाभ मिलेगा।