‘भारत छोड़ दो, यही सही समय है’, हाई सैलरी वालों को Entrepreneur का सन्देश !

High Salary

एक भारतीय Entrepreneur ने रेडिट पर एक ऐसी पोस्ट लिखी है, जो की काफी चर्चा में है। बता दें कि इस पोस्ट में उन्होंने भारत में रहने वाले High Salary वालों से कहा है— ‘भारत छोड़ दो!

अब यही वक्त है!’ और ये बात कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि एक सफल स्टार्टअप फाउंडर ने कही है।

जिसमे उन्होंने लिखा – ‘भारत में इनोवेशन के लिए जगह नहीं है!’

भारत के एक टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद, अमेरिका से पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाले इस Entrepreneur ने कहा कि जब वह 2018 में भारत लौटे थे,

तो उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की— जो आज सही चल रही है।

पर उन्होंने कहा है कि “भारत में काम करना किसी जंग से कम नहीं!

” उन्होंने कहा कि अब वे बहुत सारा पैसा जुटाकर इसे अच्छे से चला रहे हैं।

“मैंने लगभग 30 लोगों को रोज़गार दिया है, जिनकी लगभग Salary ₹15 लाख है।

” “भारत छोड़ो! यह सही समय है! और मैं यह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में कह रहा हूँ जो एक अच्छी तरह से Funded व्यवसाय चलाता है!”

High Salary

Entrepreneur ने कहा कि जो लोग “कुछ नया करना” चाहते हैं, उन्हें Immigration कर लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत में, “बेवकूफी भरे” नियमों की वजह से नया काम नहीं हो पाता है।

“अगर आप चीजें आसानी से करना चाहते हैं, तो आपको या तो एक नौकरशाह, राजनेता, या सेलिब्रिटी बनना होगा।

एक उदाहरण देता हूं, हमारे ऐप पर धोखाधड़ी का मामला हुआ था और एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

हमनें मामला हल किया, पुलिस की मदद ली और पीड़ित को उसके पैसे वापस मिल गए।

लेकिन सोचिए, हम पर आरोप लगाया गया, पुलिस ने केस बंद नहीं किया और हमसे पैसे की उम्मीद की। यही है भारत।”

साथ उन्होंने क्षेत्रीय मतभेदों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें हर हफ्ते सब्जीवाले, ऑटोवाले और कैबवाले और restaurants में “क्षेत्रीय नफरत” का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने भारतीयों में “low work ethics” पर भी सवाल उठाए और कहा, “अगर आप अमीर नहीं दिखते या ब्रांडेड कपड़े नहीं पहनते, तो इस देश में आपको कुछ नहीं समझा जाता।”

लेकिन ये एक व्यक्ति की कहानी नहीं है। क्या आपको भी ऐसा लगता हैं? क्या भारत में सच्ची इनोवेशन को बढ़ावा मिल सकता है

या ये कभी नहीं बदलने वाला?” सवाल यह है— क्या हमें इस सिस्टम को बदलने की कोशिश करनी चाहिए, या जैसा है वैसा स्वीकार करना चाहिए?