श्रमिकों की समस्याओं पर सरकार का बड़ा कदम — हरियाणा में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन!

Parivahan Mantri Raid

चंडीगढ़, 21 अप्रैल: हरियाणा सरकार ने निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों और श्रमिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एक बड़ी पहल की है। श्रम मंत्री अनिल विज ने सोमवार को घोषणा की कि श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण की अनियमितताओं और कामगारों से जुड़ी शिकायतों की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी

कमेटी में होंगे तीन प्रतिनिधि — यूनियन, नियोक्ता और विभाग से

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस विशेष जांच कमेटी में तीन अलग-अलग पक्षों का प्रतिनिधित्व होगा:

  • सुनील ढिल्लो (श्रमिक यूनियन की ओर से)

  • भूपेंद्र शर्मा (नियोक्ताओं की ओर से)

  • ए. के. देशवाल (विभाग की ओर से, संयुक्त सचिव)

इन तीनों सदस्यों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे बोर्ड से जुड़ी शिकायतों, पंजीकरण की प्रक्रियाओं में खामियों और श्रमिकों की समस्याओं की गहन जांच कर एक पारदर्शी रिपोर्ट तैयार करें

हर ब्लॉक में हेल्प डेस्क और कॉल सेंटर की सुविधा

श्रमिकों की शिकायतों और समस्याओं को जमीनी स्तर पर ही सुलझाने के उद्देश्य से सरकार ने निर्णय लिया है कि हर ब्लॉक स्तर पर एक हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा।

मंत्री विज ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि:

  • हेल्प डेस्क और कॉल सेंटर अलग-अलग हों ताकि कोई भ्रम न हो।

  • कॉल सेंटर पहले से ही पंचकूला, हिसार और सोनीपत में कार्यरत हैं।

इन सुविधाओं के ज़रिए श्रमिकों को पंजीकरण, सहायता, मुआवजा या योजनाओं की जानकारी के लिए किसी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

अस्वीकृत पंजीकरण की फीस लौटाई जाएगी

बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया — यदि किसी श्रमिक का पंजीकरण किसी कारणवश रद्द हो जाता है, तो उसकी फीस वापस की जाएगी। इस फैसले से उन हजारों कामगारों को राहत मिलेगी जिनके आवेदन बिना किसी स्पष्ट वजह के अस्वीकार किए जाते हैं।

पिछली बैठकों की प्रगति रिपोर्ट भी होगी तैयार

श्री विज ने यह भी निर्देश दिए कि बोर्ड की पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की डिटेल रिपोर्ट अलग से तैयार की जाए, ताकि यह आकलन हो सके कि अब तक क्या-क्या काम हुआ है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।

बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी

इस अहम बैठक में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे:

  • श्री कृष्ण कुमार बेदी (मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता)

  • राजीव रंजन (प्रधान सचिव, श्रम एवं रोजगार विभाग)

  • मनीराम शर्मा (श्रम आयुक्त)

  • बोर्ड चेयरमैन सहित अन्य अधिकारी और सदस्य

सरकार का उद्देश्य — हर श्रमिक की आवाज़ सुनी जाए, हर शिकायत का समाधान हो

राज्य सरकार की इस पहल से यह साफ हो जाता है कि अब कामगारों की समस्याओं को टालने का दौर नहीं, बल्कि समाधान देने का समय है। हेल्प डेस्क, कॉल सेंटर और निष्पक्ष जांच कमेटी के ज़रिए लाखों श्रमिकों को न केवल सुना जाएगा, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी की जाएगी।