मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने किया ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर’ की मानद उपाधि से सम्मानित!

चंडीगढ़, 18 फरवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में ‘डॉक्टर ऑफ लिटरेचर’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया। राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह उपाधि प्रदान की।

समारोह में विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का मान बढ़ाने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को भी मानद उपाधि और गोयल पीस प्राइज से सम्मानित किया गया।
दीक्षांत समारोह में 2000 विद्यार्थियों को मिली डिग्रियां, 91 को गोल्ड मेडल
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में:
•2000 पीजी और यूजी विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं।
•130 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि मिली।
•91 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और मेरिट सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सफल विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा: “यह डिग्री केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि आपकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।”
मुख्यमंत्री सैनी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन को साकार करने में युवाओं की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा:
“भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था। आज का युवा मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से मजबूत होकर इस सपने को साकार कर सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि हरियाणा ने बीते वर्षों में शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक, शोध और औद्योगिक क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इन उपलब्धियों में एक प्रमुख स्तंभ है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 79 नए कॉलेज खोले हैं, जिनमें से 30 विशेष रूप से लड़कियों के लिए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर 20 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज हो ताकि बेटियां भी शिक्षा से वंचित न रहें।
कौशल विकास और रोजगार के लिए उठाए जा रहे कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि कौशल विकास की ओर भी प्रेरित कर रही है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में एनएसएसक्यूएफ (National Skill Qualification Framework), कॉलेजों में पहल योजना, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा, “हरियाणा के युवा स्टार्टअप के माध्यम से आज नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि युवाओं को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े, बल्कि उन्हें यहीं अवसर मिले।”
पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और 2 लाख नई नौकरियों का वादा
मुख्यमंत्री सैनी ने हरियाणा की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि बिना पर्ची और बिना खर्ची के योग्य युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 1 लाख 75 हजार युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी गई है।
उन्होंने कहा, “2014 से पहले युवाओं को नौकरी पाने के लिए सिफारिशें लगानी पड़ती थीं, लेकिन अब केवल मेरिट के आधार पर रोजगार मिल रहा है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले वर्षों में राज्य में 2 लाख और नौकरियां दी जाएंगी।
शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्र में हरियाणा का अग्रणी स्थान
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने शिक्षा के साथ-साथ औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो युवाओं को बदलते समय की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “शिक्षा और तकनीक का समावेश हमारे विकास की कुंजी है। हरियाणा के युवा आज देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं।”
‘विकसित भारत 2047’ के सपने को पूरा करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है और हरियाणा इस दिशा में एक रोल मॉडल बन रहा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी शिक्षा और कौशल का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करें।
उन्होंने कहा, “2047 में जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, तब हमारा भारत एक मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र होगा।”
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा, कालका विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
समारोह के अंत में विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन किया गया और विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी गईं।