कांग्रेस के बिखराव पर कृष्ण मिड्डा ने साधा निशाना, बोले- ‘5 साल मंथन करेंगे’

Krishna middha

हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष Krishna middha ने 13 नवंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर अपने विचार रखे हैं।

उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को सदन में अपनी बात रखने का पूरा समय मिलेगा और इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मिड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि सत्र के दौरान विधायकों को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए,

ताकि सदन में बेहतर तरीके से कामकाज चल सके।

Krishna middha ने कांग्रेस पर साधा  निशाना

कृष्ण मिड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “अब कांग्रेस का काम सिर्फ मंथन करना रह गया है।

अगले पांच साल तक वे मंथन करते रहेंगे, क्योंकि प्रदेश की जनता ने भाजपा की सरकार को एक मजबूत जनादेश दिया है।

” उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस में इस समय बहुत बड़ा बिखराव दिख रहा है,

जो उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर रहा है।

उपाध्यक्ष मिड्डा ने यह भी कहा कि पिछली सरकार के दौरान भी सदन में दोनों पक्षों के विधायकों को उचित समय दिया गया था और इस बार भी विधानसभा में ऐसा ही होगा।

उन्होंने विधानसभा के सुचारु संचालन की आवश्यकता पर बल दिया

और कहा कि इस बार सदन का संचालन पूरी मर्यादा और अनुशासन के साथ होगा।

कृष्ण मिड्डा : कश्मीर में धारा 370 को लेकर पीएम मोदी की तारीफ

कृष्ण मिड्डा ने जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को लेकर पीएम मोदी की तारीफ भी की।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की एक बड़ी समस्या का समाधान किया है।

धारा 370 को हटाना समय की जरूरत थी और यह बिल्कुल सही कदम था।

यह कदम देश की अखंडता और विकास के लिए जरूरी था।

” उनका यह बयान राजनीति में एक मजबूत संदेश देता है, जिसमें वे स्पष्ट रूप से धारा 370 के खात्मे के पक्ष में हैं।

इसके अलावा, मिड्डा ने अपनी यात्रा के दौरान रोहतक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य की राजनीति और आगामी विधानसभा सत्र को लेकर अपनी उम्मीदें जताईं।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनता के हित में काम करना है

और इस सत्र में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।

कृष्ण मिड्डा का यह बयान साफ करता है कि हरियाणा विधानसभा का आगामी सत्र बेहद महत्वपूर्ण होगा,

और सत्ताधारी पार्टी की कोशिश होगी कि यह सत्र शांतिपूर्वक और बेहतर तरीके से चले,

जबकि विपक्ष को लेकर भी मिड्डा की स्पष्ट राय है।

सभी की नजरें अब इस सत्र पर टिकी हैं, जहां न केवल राज्य की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।