Kisan Andolan – पंजाब में किसानों ने 21 जनवरी को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिससे राज्य में हलचल बढ़ गई है।
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करते हुए 21 जनवरी को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि इस अभियान में 101 किसान भाग लेंगे।
केंद्र सरकार पर लगाया आरोप – Kisan Andolan
किसान नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार अभी भी उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और अन्य मुद्दों पर सरकार का रवैया टालमटोल वाला है।
किसान नेता पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में फसलों की MSP गारंटी वाला कानून लाना होगा।
उन्होंने जोर दिया कि किसानों की मांगें सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि देश हित में हैं और इन्हें लागू करवाना सरकार की जिम्मेदारी है।
खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल जारी – Kisan Andolan
दूसरी ओर, खनौरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन और भूख हड़ताल भी जारी है।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो पिछले 52 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं,
उनकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी है। डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल का रक्तचाप अनियंत्रित हो रहा है और उन्हें बोलने में भी कठिनाई हो रही है।
उनका शरीर कमजोरी के कारण टूटता जा रहा है।
111 किसान समर्थन में भूख हड़ताल पर
डल्लेवाल के समर्थन में बुधवार को 111 अन्य किसान भी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
यह प्रदर्शन अब और बड़ा रूप ले चुका है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संघर्ष जारी रखेंगे।
भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है, और आंदोलन में शामिल किसानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
हरियाणा बॉर्डर पर भी कड़ा पहरा
पिछले महीने किसानों ने तीन बार दिल्ली कूच की कोशिश की थी,
लेकिन हर बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया।
हरियाणा और पंजाब बॉर्डर पर इस बार भी कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें
1.न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी वाला कानून।
2.प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए किसानों के केसों की वापसी।
3.खेती के खर्चे को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस उपाय।
आंदोलन तेज करने की तैयारी – Kisan Andolan
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए सामने नहीं आ रही है, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ रही है।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अगर सरकार जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं करती है,
तो आंदोलन का दायरा और बढ़ाया जाएगा।
21 जनवरी पर टिकी सबकी निगाहें
21 जनवरी को किसानों के दिल्ली कूच का क्या असर होगा, यह देखने वाली बात होगी।
फिलहाल, पंजाब से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है।