Khushwant Singh Litfest: खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के निदेशक राहुल सिंह ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया
कि इस वर्ष के लिटफेस्ट का उद्देश्य भारत-पाक संबंधों में नवीनीकरण की आवश्यकता को रेखांकित करना है।
यह महोत्सव 18 से 20 अक्टूबर, 2024 तक कसौली में आयोजित होगा।
राहुल ने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक निकटता को पुनर्जीवित करने के लिए एक नई पहल की आवश्यकता है।
Khushwant Singh Litfest : ट्रेन टू पाकिस्तान” का जिक्र करते हुए
राहुल सिंह ने अपने पिता, प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के महाकाव्य उपन्यास “ट्रेन टू पाकिस्तान” का जिक्र करते हुए कहा
कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दोनों देशों के बीच की बर्फ पिघल सकती है।
उन्होंने बताया कि लिटफेस्ट का 13वां संस्करण स्थिरता और नवीनीकरण के विषय पर आधारित होगा,
जो वर्तमान समय की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
राहुल ने कहा, “इस वर्ष के लिटफेस्ट में भाग लेने वाले प्रमुख वक्ताओं में विलियम डालरिम्पल, इम्तियाज अली, अरुंधति सुब्रहमण्यम, एल. सुब्रमणियम, अमिताभ कांत, अनिंद्य रॉय, देवदत्त पट्टनायक और मनीष तिवारी, सांसद शामिल होंगे।
” उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में साहित्य, संस्कृति और विचारों का समागम होगा,
जो खुशवंत सिंह के मूल्यों और दृष्टि को समर्पित है।
लिटफेस्ट में शामिल होने वाले विचारकों का यह समूह न केवल साहित्यिक प्रतिभाओं का प्रतिनिधित्व करेगा,
बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालेगा।
राहुल ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस महोत्सव के माध्यम से लोग एक-दूसरे से जुड़ें और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दें।”
कॉर्पोरेट सहयोग और इको-फ्रेंडली पहल
राहुल सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस महोत्सव का आयोजन कॉर्पोरेट सहायता के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने वियानार समूह का आभार व्यक्त किया, जो इस लिटफेस्ट की इको-फ्रेंडली पहल को समर्थन दे रहा है।
शीतल चड्ढा, वियानार समूह की निदेशक (सेल्स), ने कहा कि उनका समूह पर्यावरण और बाल शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन न केवल साहित्य की शक्ति का उत्सव है,
बल्कि यह उन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है जो हमारे समाज में महत्वपूर्ण हैं।
इस महोत्सव के माध्यम से महिलाओं की भूमिका, भारत-पाक संबंधों में सुधार और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
Khushwant Singh Litfest : लिटफेस्ट का इतिहास और महत्व
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन 13 साल पहले कसौली में शुरू हुआ था, जहां खुशवंत सिंह अपने विचारों को साझा करते थे।
खुशवंत सिंह, जो भारत के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अंग्रेजी स्तंभकारों में से एक थे,
ने 17 भारतीय भाषाओं में अपने लेखन को प्रकाशित किया और उनके नाम पर 150 से अधिक पुस्तकें हैं।
राहुल ने बताया कि यह लिटफेस्ट नॉन-प्रॉफिट है,
जिसका लाभ कसौली और उसके आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण और बालिका शिक्षा में पुनर्निवेश किया जाता है।
उन्होंने कहा, “यह हमारे समाज के लिए एक सकारात्मक कदम है और हमें गर्व है कि हम इस कार्य का हिस्सा हैं।”
20 मार्च 2014 को निधन हुआ
खुशवंत सिंह का 99 साल की उम्र में 20 मार्च 2014 को निधन हुआ,
लेकिन उनके योगदान को सहेजने के लिए लिटफेस्ट का आयोजन जारी है।
कसौली के अलावा, यह लिटफेस्ट लंदन में भी आयोजित होता है,
जिससे उनके विचारों और दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर साझा किया जा सके।
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट न केवल साहित्य और संस्कृति का उत्सव है,
बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास करता है।
यह महोत्सव न केवल संवाद का एक साधन है,
बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है,
जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की कोशिश की जाती है।