संगरूर, पंजाब से Congress पार्टी के उम्मीदवार Sukhpal Singh Khaira ने बुधवार को कहा कि उनके हाली में दी गई एक बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। Khaira ने कहा कि उन्होंने कभी भी बिहार के लोगों के खिलाफ नहीं बोला। Khaira का यह स्पष्टीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मुद्दे पर विमर्श के एक दिन बाद आया। मंगलवार को बिहार में एक चुनावी रैली में भाषण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पंजाब के एक Congress नेता कहता है कि बिहार के लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए।’
Khaira ने विरोधियों का निशाना बनाया था
प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर ‘Congress के राजपरिवार’ को ‘मौन’ बनने की आलोचना भी की। Khaira को कुछ दिन पहले दिए गए एक बयान के लिए कई नेताओं का निशाना बनाया था। उन्होंने कहा था कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पंजाब में एक ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिससे गैर-पंजाबी लोग जमीन नहीं खरीद सकें, मतदाता नहीं बन सकें और सरकारी नौकरियां नहीं कर सकें। Khaira ने 1972 में पास हिमाचल प्रदेश के खेत और भूमि सुधार अधिनियम की तर्ज पर इस बात का संदर्भ दिया था जो हिमाचल प्रदेश में गैर-हिमाचलियों को कृषि भूमि खरीदने से रोकता है।
‘मोदी जी के भाषण को देखकर दुखी’
Congress नेता Sukhpal Singh Khaira ने कहा कि उन्होंने पिछले साल पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष को इस मामले में एक निजी विधेयक दिया था। संगरूर से लोकसभा चुनाव सीट पर Congress की टिकट पर चुनाव लड़ रहे Khaira ने कहा, “मुझे प्रधानमंत्री मोदी जी के हाली में दिए गए भाषण को देखकर दुखी हुआ।” उन्होंने कहा कि वह पंजाब की सरकारी नौकरियों और जनसांख्यिकीय स्थिति को ‘बचाने’ के लिए हिमाचल, उत्तराखंड और गुजरात की तर्ज पर एक कानून की मांग के साथ खड़े हैं।
Khaira ने भाजपा से इस सवाल किया एक्स पर
एक पोस्ट में Khaira ने ‘एक्स’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह प्रश्न पूछा, ‘मैं भी भाजपा और गुजरात सरकार से पूछता हूं कि उन्होंने किस आधार पर सिख किसानों की कच्छ क्षेत्र में ज़मीन का मालिकाना हक हटा लिया, जिन्होंने मरहमाने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निर्देशन में विकसित की थी?’ Khaira, भोलाथ सीट से विधायक, ने कहा, ‘मैंने कभी भी बहिष्कार या बिहारी जैसे शब्द का प्रयोग नहीं किया। हम बिहार और उत्तर प्रदेश से काम करने के लिए पंजाब आने वाले लोगों का स्वागत करते हैं।’