चंडीगढ़, 18 जून: आध्यात्मिक यात्रा में छिपा जोखिम का चेहरा सामने आया है। उत्तराखंड की पावन केदारनाथ यात्रा एक दर्दनाक हादसे की गवाह बनी, जब बुधवार दोपहर को कुछ श्रद्धालु खाई में जा गिरे। यह हादसा जंगल चट्टी क्षेत्र में पोल संख्या 153 के पास हुआ, जहां एकाएक नियंत्रण खोने के कारण 6 श्रद्धालु नीचे खाई की ओर लुढ़क गए।
घटना का विवरण:
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समय: दोपहर लगभग 12 बजे
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स्थान: जंगल चट्टी, गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच
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समस्या: तीव्र ढलान और फिसलन भरे रास्ते में अचानक संतुलन बिगड़ गया
अब तक की स्थिति:
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✅ 2 श्रद्धालुओं की घटनास्थल पर ही मृत्यु
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✅ 3 घायल, जिनमें से एक को “कंडी” से सुरक्षित निकालकर गौरीकुंड भेजा गया
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❗ 1 व्यक्ति अब भी लापता, गहरी खाई में तलाशी जारी
रेस्क्यू ऑपरेशन कैसे चल रहा है?
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DDRF (आपदा राहत बल), स्थानीय पुलिस और हेल्पलाइन टीमें तेजी से बचाव कार्य में लगी हैं।
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खाई में रस्सियों और पारंपरिक “कंडी” सिस्टम के जरिए उतरकर घायलों को बाहर लाया जा रहा है।
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इस समय मौसम अनुकूल है, जिससे तलाशी अभियान में तेजी लाई जा रही है।
यात्रियों के लिए चेतावनी:
प्रशासन ने इस हादसे के बाद सभी श्रद्धालुओं से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है:
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संकरी और फिसलन वाली पगडंडियों पर बेहद सतर्क रहें
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ग्रुप में चलें, अकेले आगे न बढ़ें
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ट्रैकिंग स्टिक और मजबूत जूते ज़रूर इस्तेमाल करें
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मौसम की जानकारी लेते रहें
धार्मिक यात्रा और सुरक्षा की दोहरी चुनौती
केदारनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक होती है, लेकिन यह यात्रा कठिन ट्रेकिंग और ऊबड़-खाबड़ रास्तों के कारण जोखिम से भरी भी है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन सुरक्षा इंतज़ामों को और बेहतर बना सकता है?
मृतकों के लिए संवेदना, प्रशासन की तत्परता
प्रशासन की ओर से मृतकों की पहचान की जा रही है और उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है। साथ ही घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है।