Karnataka Law University Paper Leak: कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी (KSLU) की परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
कॉन्ट्रैक्ट-1 परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया,
जिसके बाद इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
इस कांड में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए जांच जारी है।
सतर्कता दल की शिकायत से खुला मामला
यह मामला तब सामने आया जब KSLU परीक्षा की निगरानी कर रहे सतर्कता दल के सदस्य विश्वनाथ के.एन. ने 30 जनवरी को बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान सामने आया कि 23 जनवरी को होने वाली कॉन्ट्रैक्ट-1 परीक्षा का पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले ही ऑनलाइन लीक हो गया था।
Karnataka Law University Paper Leak: कैसे हुई लीक की पुष्टि?
FIR के मुताबिक़, सतर्कता स्क्वाड के एक अन्य सदस्य रवींद्र राजपूत ने सबसे पहले लीक हुए प्रश्नों की पहचान की और सत्यापन के लिए विश्वनाथ को भेजा।
जब उन्होंने असली परीक्षा के पेपर से मिलान किया, तो यह पुष्टि हो गई
कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रश्नपत्र असली परीक्षा का ही हिस्सा था।
पुलिस ने की पहली गिरफ्तारी, अन्य की तलाश जारी
बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है,
हालांकि, लीक में और कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच जारी है।
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह प्रश्नपत्र कैसे और किस माध्यम से बाहर आया।
Karnataka Law University Paper Leak: अन्य राज्यों में भी हो रही हैं सख्त कार्रवाइयाँ
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब अन्य राज्यों में भी परीक्षा लीक से जुड़े मामलों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है—
•केरल: क्राइम ब्रांच ने कक्षा 10वीं की क्रिसमस परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में दो शिक्षकों को हिरासत में लिया है।
•तेलंगाना: हैदराबाद शिक्षा विभाग ने एसएससी परीक्षा के प्रश्नपत्रों को लीक होने से रोकने के लिए गुप्त सुरक्षा कोड लगाए हैं,
जिससे किसी भी लीक को तुरंत ट्रैक किया जा सके।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
KSLU प्रशासन भी अब अपने परीक्षा सिस्टम में नई सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की योजना बना रहा है
ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इस घटना ने परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना होगा कि इस मामले में और कौन-कौन संलिप्त है
और क्या पुलिस इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर पाएगी।