Kapal Mochan Mela : हरियाणा के यमुनानगर जिले स्थित पवित्र स्थल श्री कपालमोचन-आदिबद्री में 11 नवंबर से शुरू हुआ पांच दिवसीय मेला श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच विधिवत प्रारंभ हो चुका है।
यह मेला कार्तिक पूर्णिमा (15 नवम्बर) तक चलेगा, जिसमें 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है।
Kapal Mochan Mela : मेले में प्रतिदिन 15 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे
मेले की शुरुआत के मौके पर स्थानीय प्रशासन ने इस बड़े धार्मिक आयोजन को लेकर पूरी तैयारियां की हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इस मेले में प्रतिदिन 15 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और आगामी दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
इसके मद्देनजर, प्रशासन ने मेले के आसपास की सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की हैं,
ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण
कपालमोचन मेला एक धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस मेले में हरियाणा के साथ-साथ देशभर के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं।
इसलिए, श्रद्धालुओं के लिए यहां पर ठहरने, भोजन, और अन्य आवश्यकताओं के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है।
मेला क्षेत्र में एक रैन बसेरा स्थापित किया गया है, जहां श्रद्धालु अस्थायी रूप से ठहर सकते हैं।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से, पुलिस प्रशासन ने कड़ा प्रबंध किया है।
मेले में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
सीसीटीवी कैमरों की मदद से प्रशासन मेले के हर कोने पर नजर रखे हुए है।
इसके अलावा, सूचना प्रसारण केंद्र और गुमशुदा तलाश केंद्र भी स्थापित किए गए हैं
ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की मदद मिल सके।
मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाओं
मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए जिला प्रशासन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
अधिकारियों ने निवेदन किया है कि सभी श्रद्धालु प्रशासन के साथ सहयोग करें
ताकि यह धार्मिक मेला बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
कपालमोचन मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है,
बल्कि यह हरियाणा की सांस्कृतिक और सामाजिक धारा को भी प्रतिबिंबित करता है।
इस मेले के माध्यम से क्षेत्र में धार्मिक एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलता है।
सरकार द्वारा की गई सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं इस मेले के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं,
जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से समृद्ध होती है,
बल्कि वे इसे एक सुरक्षित और व्यवस्थित आयोजन के रूप में याद रखते हैं।
इस प्रकार, कपालमोचन मेला का आयोजन हरियाणा की धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने के साथ-साथ राज्य की प्रशासनिक दक्षता और सुरक्षा व्यवस्था को भी प्रकट करता है।