कभी 90 के दशक की चर्चित फ़िल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान चर्चा में आया कांकाणी काला हिरण शिकार मामला एक बार फिर कानूनी पटल पर सुर्खियों में है। राजस्थान हाई कोर्ट ने इस प्रकरण में शामिल सभी बॉलीवुड सितारों – सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह – को 26 जुलाई 2025 को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला अक्टूबर 1998 का है जब जोधपुर के कांकाणी गांव के पास ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान और अन्य सितारों पर दो काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा था। यह प्रकरण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, खासकर क्योंकि काला हिरण एक संरक्षित प्रजाति है और उसका शिकार कानूनन निषिद्ध है।
अब क्यों आया मामला दोबारा चर्चा में?
राजस्थान सरकार और विश्नोई समाज की ओर से दायर लीव टू अपील पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। यह अपील उस फैसले के खिलाफ दायर की गई है जिसमें सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को निचली अदालत ने बरी कर दिया था, जबकि सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई गई थी।
जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ ने सभी अपीलों को अब एक साथ जोड़ते हुए सुनवाई की अगली तारीख 26 जुलाई तय की है। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सलमान खान द्वारा दायर सजा के खिलाफ अपील को भी इसी सुनवाई के साथ जोड़ा जाएगा।
लीव टू अपील क्या होती है?
“लीव टू अपील” यानी “अपील की अनुमति” एक कानूनी प्रक्रिया है जो तब प्रयोग में आती है जब सामान्य अपील की समय सीमा पार हो जाती है। इसके तहत अदालत से विशेष अनुमति ली जाती है कि वह उस फैसले के खिलाफ अपील को स्वीकार करे, जिसे पहले चुनौती नहीं दी जा सकी थी। इस मामले में, राज्य सरकार ने समय सीमा के बाहर अपील करने की इजाजत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
सलमान को मिली थी सजा, बाकी कलाकार बरी
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सलमान खान को निचली अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई थी। उन्हें 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया था और पांच दिन बाद जमानत पर रिहा किया गया था।
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सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।
बिश्नोई समाज की सक्रियता
विश्नोई समाज जो काले हिरण की धार्मिक आस्था से जुड़ी सुरक्षा का पक्षधर है, इस मामले को लगातार न्यायिक स्तर पर उठाता रहा है। अधिवक्ता महिपाल बिश्नोई के अनुसार, अब यह सुनवाई निर्णायक हो सकती है क्योंकि इसमें सभी पक्षों की अपीलों पर एक साथ बहस होगी।
सलमान खान के लिए जहां यह मामला पुराना लेकिन अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, वहीं बाकी कलाकारों के लिए अब फिर से अदालत के चक्कर शुरू हो सकते हैं। 26 जुलाई को होने वाली संयुक्त सुनवाई में यह तय होगा कि क्या सैफ, तब्बू, नीलम, सोनाली और दुष्यंत सिंह की बरी करने का फैसला बरकरार रहेगा या उन्हें भी आगे फिर से मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।