शिवभक्तों के लिए बड़ी सौगात: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर मिलेगा ₹1 लाख का अनुदान, योगी सरकार ने खोला पवित्र द्वार!

चंडीगढ़, 14 जून: उत्तर प्रदेश सरकार ने उन शिवभक्तों के लिए एक अत्यंत प्रेरणादायक और राहतभरी घोषणा की है जो भगवान शिव के पावन धाम, कैलाश मानसरोवर की कठिन लेकिन पुण्यदायक यात्रा पर निकलने का संकल्प लेते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि जो श्रद्धालु यह यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करेंगे, उन्हें ₹1 लाख की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।

इस योजना का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उन श्रद्धालुओं के बोझ को भी कम करना है जो सीमित संसाधनों के बावजूद यह तपस्वी यात्रा पूरी करते हैं।

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?

इस योजना के तहत वे सभी श्रद्धालु पात्र हैं जिन्होंने:

  • भारत सरकार के माध्यम से आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा में भाग लिया हो,

  • अथवा निजी यात्रा एजेंसियों या किसी अन्य वैध माध्यम से यह यात्रा पूरी की हो।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि लाभ उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की है।

आवेदन कैसे करें? प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन

श्रद्धालुओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा:

🔗 www.updharmarthkarya.in

यहां पंजीकरण करके संबंधित दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।

आवेदन की अंतिम तारीख क्या है?

यात्रा पूरी करने की तारीख से 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है। इस समय सीमा के बाहर किया गया आवेदन मान्य नहीं होगा और स्वतः अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

ऑनलाइन आवेदन करते समय श्रद्धालुओं को नीचे दिए गए दस्तावेज स्कैन करके वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे:

  1. नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो

  2. आधार कार्ड

  3. पैन कार्ड

  4. उत्तर प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र

  5. पासपोर्ट और वीजा की प्रति

  6. बैंक खाता विवरण (जिसमें अनुदान भेजा जाएगा)

  7. यात्रा पूरी करने का प्रमाणपत्र

  8. कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज जो पात्रता सिद्ध करे

कोई भी आवेदन ऑफलाइन माध्यम से स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आवेदन की जांच और भुगतान प्रक्रिया

आवेदकों के दस्तावेजों की जांच धर्मार्थ कार्य निदेशालय, लखनऊ द्वारा की जाएगी। यदि सभी कागजात वैध और पूर्ण पाए जाते हैं, तो ₹1 लाख की राशि सीधे श्रद्धालु के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

यदि दस्तावेजों में कोई त्रुटि पाई गई या आवेदन अपूर्ण मिला, तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और इस बारे में जानकारी आवेदक को मोबाइल नंबर या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी।

मृतक यात्री के मामले में विशेष प्रावधान

यदि दुर्भाग्यवश किसी यात्री की यात्रा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनका पति/पत्नी या आश्रित परिजन इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे मामलों में अतिरिक्त जांच और दस्तावेजों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

सरकार की मंशा: आस्था और सेवा का संगम

धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने इस योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा:

“यह केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं की निष्ठा और आस्था के प्रति राज्य सरकार की एक संवेदनशील पहल है। इसका उद्देश्य धार्मिक यात्रा को सहयोग देना और भारत की आध्यात्मिक परंपरा को सहेजना है।”