IIT से बाबा बनने का सफर: परिवार ने बताई बाबा अभय सिंह की सच्चाई !

IIT engineer Baba

IIT engineer Baba – उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में एक नाम इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है—आईआईटियन बाबा अभय सिंह।

हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह की कहानी जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही प्रेरणादायक भी।

कभी देश के प्रतिष्ठित आईआईटी मुंबई से पढ़ाई करने वाले अभय सिंह, आज भगवा वस्त्र धारण कर तपस्या में लीन हैं।

अभय के पिता करण ग्रेवाल, जो झज्जर न्यायालय में Advocate के तौर पर प्रैक्टिस करते हैं,

उन्होंने बताया कि उनका बेटा बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार था।

स्थानीय स्कूल से पढ़ाई के बाद अभय ने दिल्ली में आईआईटी की तैयारी की और फिर आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

इतना ही नहीं, अभय ने मास्टर्स ऑफ डिजाइनिंग का कोर्स भी किया।

पढ़ाई के बाद अभय ने दिल्ली और कनाडा की बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी की।

पिता करण ग्रेवाल के मुताबिक, उनका बेटा कनाडा में अच्छी खासी जिंदगी जी रहा था।

लेकिन अचानक, अभय ने सबकुछ छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया।

IIT engineer Baba -अभय सिंह देश लौटने के बाद

पिता ने बताया कि अभय सिंह देश लौटने के बाद हिमाचल, उत्तराखंड और हरिद्वार जैसे जगहों पर घुमते रहते थे।

और आज से करीब 6 महीने पहले ही उनकी आखिरी बार अपने बेटे से बात हुई थी।

तब से अभय ने परिवार से दूरी बना ली। करण ग्रेवाल का कहना है,

“हम चाहते हैं कि अभय वापस घर लौट आए, लेकिन बाबा बनने के बाद अब उसका लौटना आसान नहीं होगा।”

महाकुंभ में मीडिया से बातचीत के दौरान बाबा अभय सिंह ने खुलासा किया कि वह आईआईटी मुंबई के पासआउट हैं।

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा तेज हो गई।

लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि कनाडा की हाई-प्रोफाइल नौकरी और आईआईटी जैसी डिग्री रखने वाला शख्स, अब बाबा बनकर साधना कर रहा है।

परिवार बदलाव को लेकर भावुक

बाबा के पिता करण ग्रेवाल और परिवार के अन्य सदस्य इस बदलाव को लेकर भावुक हैं।

परिवार को उम्मीद है कि कभी ना कभी अभय सिंह घर लौट आएंगे।

हालांकि, वह मानते हैं कि साधु बनने के बाद उनके बेटे के लिए अब ये सफर आसान नहीं है।

आईआईटियन बाबा अभय सिंह की यह अनोखी कहानी सवाल उठाती है—क्या सफलता की परिभाषा सिर्फ करियर और पैसों तक सीमित है?

या फिर जीवन में कुछ और पाने की तलाश इंसान को ऐसे फैसले लेने पर मजबूर कर देती है?

महाकुंभ में बाबा की प्रसिद्धि और उनका सफर हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा है।