हिमाचल में JIO TRUE 5G की धाक, ट्राई रिपोर्ट में 90% हिस्सेदारी के साथ बना मार्केट लीडर!

चंडीगढ़, 21 मई:  हिमाचल प्रदेश के डिजिटल परिदृश्य में रिलायंस जियो ने एक बार फिर अपनी तकनीकी बढ़त और सेवा गुणवत्ता का परिचय दिया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, जियो ने राज्य के 5G फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) क्षेत्र में लगभग 90% मार्केट शेयर के साथ निर्विवाद नेतृत्व कायम किया है।

जियो की यह सफलता उसकी ट्रू 5G तकनीक और जियो एयर फाइबर सेवा की लोकप्रियता का प्रमाण है, जिसने हिमाचल में डिजिटल क्रांति को नई दिशा दी है।

TRAI के आंकड़े क्या कहते हैं?

TRAI द्वारा मार्च 2025 तक जारी रिपोर्ट के अनुसार:

  • हिमाचल में कुल 5G FWA उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 50,000 तक पहुंच चुकी है।

  • इसमें से 43,000 ग्राहक सिर्फ जियो एयर फाइबर से जुड़े हुए हैं।

  • जियो का निकटतम प्रतिस्पर्धी महज़ 5,000 उपयोगकर्ताओं के साथ काफी पीछे है।

यह दर्शाता है कि राज्य में हाई-स्पीड, भरोसेमंद और आसान इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए लोग सबसे ज्यादा जियो ट्रू 5G और जियो एयर फाइबर पर भरोसा कर रहे हैं।

हर जिले, हर गांव तक पहुंची जियो 5G

जियो ने दावा किया है कि उसकी 5G सेवाएं अब हिमाचल के सभी 12 जिलों में हजारों गांवों, कस्बों, होटलों, रेस्तरांओं और छोटे व्यवसायों तक पहुँच चुकी हैं। इससे न केवल शहरी क्षेत्रों में, बल्कि दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में भी लोगों को:

  • तेज़ और स्थिर इंटरनेट कनेक्शन

  • ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन और रिमोट वर्किंग

  • पर्यटन और होटल उद्योग में आधुनिक डिजिटल सुविधाएं

जैसे लाभ मिल रहे हैं।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मिली नई गति

जियो एयर फाइबर की तेज़ गति और व्यापक कवरेज ने हिमाचल के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती दी है। इससे कई अहम क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं:

  • पर्यटन: होटलों और होम स्टे में हाई-स्पीड इंटरनेट से पर्यटकों को बेहतर अनुभव।

  • शिक्षा: दूरस्थ इलाकों में छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं की सुगमता।

  • स्वास्थ्य सेवाएं: टेलीमेडिसिन के जरिए सस्ती और समय पर परामर्श।

  • कृषि: स्मार्ट एग्रीकल्चर तकनीकों के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी।

  • मनोरंजन: स्ट्रीमिंग सेवाओं और गेमिंग का उच्च गुणवत्ता अनुभव।

डिजिटल समावेशन की नई परिभाषा

जियो की यह 5G पहल सिर्फ कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिजिटल समावेशन को एक नई ऊंचाई दे रही है। छात्र, व्यवसायी, छोटे दुकानदार, किसान और पर्यटक— सभी सशक्त हो रहे हैं, और नई तकनीकों से जुड़कर आर्थिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं