चंडीगढ़, 14 जून: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में समय की कमी हर किसी की समस्या बन चुकी है। सुबह जल्दी ऑफिस, दिनभर की भागदौड़ और शाम को थकान—ऐसे में ना तो जिम जाने का वक्त बचता है और ना ही 10,000 कदम चलने का धैर्य।
पर एक अच्छी खबर है। जापान से निकली एक साधारण लेकिन चमत्कारी वॉकिंग तकनीक अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही है, जो न सिर्फ आपके शरीर को फिट रखती है, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अमृत के समान है।
इस वॉकिंग तकनीक को कहा जाता है: “जापानी वॉकिंग” या “फॉर्म वॉकिंग”।
क्या है जापानी वॉकिंग? सिर्फ चलना नहीं, एक आर्ट है!
जापानी वॉकिंग को जापान में पारंपरिक रूप से “राजियो तैसो” कहा जाता है, जो दरअसल एक प्रकार की ध्यानयुक्त शारीरिक व्यायाम प्रणाली है। इसमें चलने का तरीका साधारण नहीं होता—बल्कि यह एक टेक्निक है, जिसमें शरीर, श्वास और मन तीनों एक साथ काम करते हैं।
इस वॉकिंग की विशेषताएं:
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सही पोश्चर: सिर सीधा, कंधे पीछे और नीचे, रीढ़ एकदम सीधी।
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स्थिर गति: न बहुत तेज, न बहुत धीमी—बस एक सहज, संतुलित चाल।
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गहरी सांसें: हर कदम पर फेफड़ों को भरकर सांस लेना और छोड़ना।
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एकाग्रता: वॉकिंग करते समय अपने शरीर की हर हरकत पर ध्यान देना।
क्यों है यह 30 मिनट की वॉक जिम से भी ज़्यादा असरदार?
1. पूरा शरीर एक्टिव होता है
साधारण वॉकिंग में सिर्फ पैर चलते हैं, लेकिन इस वॉकिंग में पूरे शरीर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। कंधे, हाथ, पेट, पीठ और यहां तक कि गर्दन भी।
2. वजन कम करने में सहायक
इस वॉकिंग से पेट और कमर की चर्बी तेजी से घटती है, क्योंकि यह एक संयमित और नियंत्रित एक्सरसाइज़ है।
3. मानसिक तनाव घटाए
गहरी सांसें लेने और ध्यान बनाए रखने की आदत से तनाव कम होता है, फोकस बढ़ता है और मन शांत होता है।
4. जोड़ों पर असर नहीं पड़ता
यह हल्का लेकिन असरदार व्यायाम है, जिससे घुटनों और रीढ़ की हड्डी को कोई झटका नहीं लगता। उम्रदराज़ लोग भी इसे आराम से कर सकते हैं।
5. दिल के लिए रामबाण
जापानी वॉकिंग कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को बेहतर करती है—ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है, दिल की धड़कन नियंत्रित होती है, और बीपी व शुगर लेवल भी बेहतर होते हैं।
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
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टोक्यो यूनिवर्सिटी के हेल्थ स्टडी में यह पाया गया कि जो लोग रोज़ सिर्फ 30 मिनट “फॉर्म वॉकिंग” करते हैं, उनका हृदय स्वास्थ्य, मांसपेशियों की ताकत, और तनाव नियंत्रण उन लोगों से कहीं बेहतर होता है जो सिर्फ स्टेप काउंटर से 10,000 कदम चलते हैं।
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यह तकनीक डेस्क जॉब करने वालों के लिए भी बेहद कारगर है, क्योंकि लंबे समय तक बैठने से होने वाली रीढ़ और गर्दन की समस्याओं को यह कम करती है।
कैसे करें ये वॉकिंग? आसान स्टेप बाय स्टेप तरीका
समय: रोज़ 30 मिनट
स्थान: पार्क, टैरेस, या खुली जगह
जरूरत: बस एक जोड़ी आरामदायक जूते और आपका मन
स्टेप 1 – पोश्चर सही करें
शरीर सीधा रखें, ठुड्डी ऊपर, कंधे पीछे और छाती खुली।
स्टेप 2 – चलना शुरू करें
हर कदम पर सांस अंदर लें, अगले कदम पर छोड़ें। हाथों को सहज रूप से झुलाएं।
स्टेप 3 – फोकस बनाए रखें
हर मूवमेंट पर ध्यान रखें—आपका शरीर कैसे चल रहा है, सांसें कैसी चल रही हैं।
स्टेप 4 – अंत में स्ट्रेचिंग करें
हल्की स्ट्रेचिंग करें ताकि मांसपेशियों को आराम मिले।
किसके लिए फायदेमंद है ये वॉकिंग?
समूह | फायदा |
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ऑफिस वर्कर्स | पीठ और गर्दन दर्द में राहत |
सीनियर सिटीज़न | घुटनों और जोड़ो पर असरदार व्यायाम |
वज़न घटाने वाले | कमर-पेट की चर्बी तेजी से घटती है |
स्टूडेंट्स | एकाग्रता और मेमोरी में सुधार |
तनावग्रस्त लोग | माइंडफुलनेस के ज़रिए मानसिक संतुलन |