चंडीगढ़,1 अप्रैल: पंजाब के जालंधर में चर्चित पास्टर बजिंदर सिंह को हाल ही में एक महिला से दुष्कर्म के आरोप में उम्रभर की सजा सुनाई गई है। मोहाली की एक अदालत ने उन्हें 2018 के इस मामले में दोषी ठहराया। कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किए गए बजिंदर सिंह को तुरंत पटियाला जेल भेज दिया गया।
मामले का विवरण:
पीड़िता के अनुसार, उसने विदेश जाने की इच्छा जताई थी, जिसके लिए पास्टर बजिंदर सिंह से संपर्क किया। पास्टर ने उसे मोहाली के सेक्टर 63 स्थित अपने आवास पर बुलाया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, पास्टर ने इस कृत्य का वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर पीड़िता से पैसे की मांग की। इस मामले में 2018 में एफआईआर दर्ज की गई थी, और पास्टर को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
अन्य आरोप:
इसके अलावा, पास्टर बजिंदर सिंह पर एक अन्य महिला से मारपीट और यौन उत्पीड़न के आरोप भी हैं। एक वायरल वीडियो में उन्हें एक महिला को थप्पड़ मारते और गाली देते हुए देखा गया है। इसके बाद, कपूरथला में भी एक महिला के साथ गलत हरकतें करने के आरोप में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पृष्ठभूमि:
बजिंदर सिंह का जन्म 10 सितंबर 1982 को हरियाणा के यमुनानगर में हुआ था। वह मूल रूप से हिंदू जट समुदाय से हैं, लेकिन एक हत्या के मामले में जेल में रहने के दौरान उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया। जेल से रिहा होने के बाद, उन्होंने 2012 में प्रार्थना सभाओं का आयोजन शुरू किया और ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ की स्थापना की। उनकी सेवाओं में हजारों लोग शामिल होते थे, और वे दावा करते थे कि उनके पास चमत्कारी उपचार करने की क्षमता है।
यह मामला धार्मिक आस्था के नाम पर होने वाले अपराधों की गंभीरता को उजागर करता है और समाज में इस पर गहन चर्चा की आवश्यकता को दर्शाता है।