हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, Ambala Central Jail में एक जेल Lok Adalat का आयोजन किया गया। यह विशेष पहल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव Ajay Ghanghas के मार्गदर्शन में की गई,
जिसका उद्देश्य विचाराधीन कैदियों को शीघ्र न्याय प्रदान करना और छोटे अपराधों के मामलों का समाधान करना था।
Lok Adalat : कुल 4 मामलों का निपटारा
लोक अदालत के दौरान कुल 4 मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें आरोपी अपने अपराधों को स्वीकार कर चुके थे।
इसके बाद उन मामलों का समाधान हुआ और 4 अभियुक्तों को रिहा कर दिया गया।
इन मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 379 (चोरी), 380 (आवास गृह में चोरी), 411 (बेईमानी से चोरी की गई संपत्ति रखना),
174-ए (उद्घोषणा में गैर-हाजिर होना) और 201 (साक्ष्य गायब करना या झूठी जानकारी देना) जैसे आरोप थे।
जेल लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य उन मामलों को शीघ्र सुलझाना था,
जिनमें छोटे अपराधों और समझौता योग्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोग शामिल थे।
इन मामलों के निपटारे से जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को राहत मिली और उन्हें जल्दी से न्याय मिलने का अवसर मिला।
Ambala Central Jail : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मिलकर
इस पहल के दौरान जेल अधीक्षक और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मिलकर ऐसे मामलों की पहचान करते हैं,
जिन्हें लोक अदालत के माध्यम से सुलझाया जा सकता है।
इसके अलावा, अगर कोई आरोपी दलील सौदेबाजी के लिए इच्छुक होता है,
तो उसे जल्द से जल्द न्याय मिलने का अवसर मिलता है।
Ajay Ghanghas : न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास को भी बढ़ाना
जेल लोक अदालत का उद्देश्य केवल अपराधियों को न्याय दिलाना नहीं,
बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास को भी बढ़ाना है।
यह प्रक्रिया उन विचाराधीन कैदियों को लाभ पहुंचाती है,
जिनके मामलों में छोटे-मोटे अपराध शामिल होते हैं,
और यह उन्हें समाज में पुनः एकीकृत करने की दिशा में एक कदम है।
जेल लोक अदालतों का आयोजन हर महीने के पहले और तीसरे बुधवार को होता है,
जिससे कैदियों को समय पर कानूनी सहायता और न्याय मिल सके।
यह कदम न्यायिक प्रणाली को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।