LT Chairman on workhour – क्या आप जानते हैं, L&T के चेयरमैन S.N. सुब्रह्मण्यम के एक बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है?
उनका कहना था, “अपनी पत्नी को कब तक घूरते रहोगे?” जब वे 90 घंटे काम करने के हक में बात कर रहे थे।
ये बयान अब काम और निजी जिंदगी के बीच बैलेंस पर गंभीर मुद्दा छेड़ चुका है।
LT Chairman – हसल कल्चर
अब एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने इस पर अपनी राय साझा की है।
उसने बताया कि कैसे “हसल कल्चर” यानी लगातार काम करते रहने की आदत ने उसे अपनी जिंदगी के कुछ अहम पल खोने पर मजबूर कर दिया।
उसने बताया कि जब उसकी 5 साल की बेटी ने एक परिवार की तस्वीर बनाई और उसमें वो खुद (मम्मी) नहीं थी।
तो उसे समझ में आया कि उसकी काम की आदतें उसे घर से दूर कर रही हैं।
नीतु मोहनका ने सोशल मीडिया पर लिखा
नीतु मोहनका ने इस चीज़ को साँझा करते हुए अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “10 साल पहले मैं भी वही थी, 14 घंटे काम करने को गर्व समझती थी।
3 बजे रात को ईमेल का जवाब देती थी, अपनी बेटी के पहले कदम मिस कर देती थी
क्योंकि ‘क्लाइंट मीटिंग नहीं रुक सकती थी।’ फिर क्या हुआ? मेरी बेटी ने एक तस्वीर बनाई, जिसमें मैं नहीं थी।
उसके शिक्षक ने पूछा, क्यों? तो उसने कहा, ‘मम्मा हमेशा ऑफिस में रहती हैं।’”
नीतु ने आगे कहा, “हसल कल्चर बहुत आकर्षक होता है, लेकिन ‘अब मेहनत करो, बाद में मजे करो’ का वादा बहुत कम बार पूरा होता है।
” उसने बताया कि लंबे समय तक काम करने से इंसान थक जाता है और उसकी स्किल्स भी प्रभावित होती हैं।
सोशल मीडिया पर अलग-अलग राय
सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर अलग-अलग राय दे रहे हैं।
एक ने कहा, “हर शब्द से सहमत हूं, मैंने भी अपने परिवार के साथ कई पल खो दिए हैं।
” तो वहीं दूसरे ने लिखा, “आपने इसे बहुत खूबसूरती से लिखा है।
” लेकिन एक तीसरे ने पूछा, “आपका जॉब प्रोफाइल क्या था, जो आपको 14-15 घंटे काम करने पड़ते थे?
” नीतु ने जवाब दिया, “मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट हूं, और मेरा काम MIS, बजटिंग, रिपोर्टिंग में था।
ये बहुत डिमांडिंग था, कभी-कभी तो 36 घंटे तक काम किया!”
इस बवाल के बीच, L&T के चेयरमैन के बयान पर लोगों की राय अलग-अलग हैं।
कुछ लोग 90 घंटे काम करने के पक्ष में हैं, तो वहीं, उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इसे अपने ही मजेदार अंदाज में नकारा।
इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है, क्या ज्यादा काम करना वाकई सफलता की कुंजी है?
या फिर क्या यह हमारी निजी जिंदगी की कीमत पर आता है?