चंडीगढ़, 5 जून: भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। इस फैसले का उद्देश्य है – टिकट बुकिंग प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और आम यात्रियों के अनुकूल बनाना। रेलवे अब तत्काल टिकट के लिए ई-आधार आधारित ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य करने जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ये कदम ना सिर्फ फर्जी अकाउंट और बोगस बुकिंग पर लगाम लगाएगा, बल्कि सच्चे यात्रियों को प्राथमिकता दिलाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
क्या है नया नियम?
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अब केवल वही यात्री तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे, जिनका IRCTC अकाउंट आधार कार्ड से वेरिफाइड होगा।
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बुकिंग के समय आधार आधारित OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा।
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बुकिंग खुलने के पहले 10 मिनट में केवल आधार वेरिफाइड यूजर्स को ही टिकट बुक करने की इजाज़त होगी।
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IRCTC एजेंट पहले 10 मिनट तक टिकट बुक नहीं कर पाएंगे।
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भविष्य में रेलवे काउंटर से टिकट लेने पर भी आधार वेरिफिकेशन की योजना बनाई जा रही है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
भारतीय रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक:
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IRCTC के 13 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं, लेकिन इनमें से केवल 1.2 करोड़ ही आधार से वेरिफाइड हैं।
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अब उन अकाउंट्स पर विशेष निगरानी रखी जाएगी जो आधार से लिंक नहीं हैं। यदि किसी खाते में संदिग्ध गतिविधि पाई गई, तो उसे बंद किया जा सकता है।
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इससे फर्जी यूजर्स, दलालों और ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने वालों पर सख्ती से रोक लगाई जा सकेगी।
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आम यात्रियों को समय पर और उचित तरीके से टिकट मिलने का मौका मिलेगा।
बुकिंग के पैटर्न से क्या पता चला?
रेलवे द्वारा 24 मई से 2 जून के बीच के टिकट बुकिंग डाटा का विश्लेषण किया गया, जिसमें सामने आए ये अहम तथ्य:
एसी कैटेगरी:
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पहले 1 मिनट में: सिर्फ 5,615 टिकट बुक हुए
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दूसरे मिनट में: 22,827 टिकट
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पहले 10 मिनट में: 67,159 टिकट, जो कुल बुकिंग का 62.5% है
नॉन-एसी कैटेगरी:
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पहले ही मिनट में: 4,724 टिकट (4%) बुक हो गए
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पहले 10 मिनट में: 66.4% टिकट बुक हुए
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8-10 घंटे बाद भी 12% तत्काल टिकट बुक किए गए
इन आंकड़ों से यह साफ है कि बुकिंग के पहले कुछ मिनटों में ही टिकट लगभग खत्म हो जाते हैं, और यही वो समय है जब ऑटो टूल्स और स्क्रिप्ट्स का ज्यादा दुरुपयोग होता है। रेलवे अब इस पर रोक लगाने के लिए AI और उन्नत निगरानी तंत्र का सहारा ले रहा है।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
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बीते 6 महीनों में रेलवे ने 2.4 करोड़ फर्जी या संदिग्ध IRCTC अकाउंट्स को ब्लॉक किया है।
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यह रेलवे की डिजिटल सफाई और टिकट बुकिंग सिस्टम को ईमानदार बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।
आम यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
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अब आम यात्रियों को टिकट बुक करने का ज्यादा और निष्पक्ष मौका मिलेगा।
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फर्जी बुकिंग कम होगी, जिससे ट्रेन यात्रा की योजना बनाना और सुविधाजनक होगा।
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यात्रियों को बार-बार दलालों से संपर्क करने या अधिक पैसे देने की मजबूरी नहीं रहेगी।