राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की वार्ता क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसेट) पर भारत-अमेरिका पहल के तहत हुई। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ समन्वित और पारस्परिक मान्यता के साथ डिजाइन, विकसित और तैनात करना था, ताकि भविष्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों पक्षों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
- रक्षा सहयोग: दोनों देशों ने भारत द्वारा 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन की खरीद की योजना, सेना के लिए लड़ाकू वाहनों के संयुक्त निर्माण और जीई एयरोस्पेस व हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच जीई एफ414 लड़ाकू विमानों के इंजन के उत्पादन को लेकर चल रही बातचीत की समीक्षा की।
- प्रौद्योगिकी और फंडिंग: वार्ता के दौरान 9 करोड़ डॉलर (751.67 करोड़ रुपये) की फंडिंग के साथ प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने वाले ग्लोबल चैलेंज इंस्टीट्यूट की स्थापना, 6जी प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने की पहल और भारत व अमेरिका में बड़े पैमाने पर ओपन आरएएन की तैनाती की दिशा में संयुक्त कार्य की घोषणा की गई।
- अंतरिक्ष अनुसंधान सहयोग: दोनों देशों ने नासा और इसरो के बीच सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण देने की दिशा में काम करने का भी निर्णय लिया गया।
- स्वच्छ ऊर्जा और खनिज साझेदारी: 21वीं सदी के लिए स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी बनाने का संकल्प लिया गया।
जैक सुलिवन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से आईसीईटी के तहत आने वाले सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, दूरसंचार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और अंतरिक्ष आदि की प्रगति की जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने सभी क्षेत्रों में बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी की गति व पैमाने पर संतोष व्यक्त किया और इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अपनी हाल की सकारात्मक बातचीत को याद किया