पंजाब में GST का बढ़ता दायरा: दो साल में जुड़े 79,000 नए करदाता!

Harpal Cheema Condemns Statue Disrespect

चंडीगढ़, 18 फरवरी: पंजाब सरकार के लक्षित जीएसटी पंजीकरण अभियान के प्रभावी परिणाम सामने आए हैं। राज्य में पिछले दो वर्षों में 79,000 से अधिक नए करदाता जोड़े गए हैं, जिससे जीएसटी आधार में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि राज्य में कर चोरी रोकने और कर अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

वित्त मंत्री ने बताया कि:
•वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य में 46,338 नए करदाता शामिल हुए।
•दिसंबर 2024 तक 33,000 से अधिक नए करदाता पंजीकृत हुए।
•जनवरी 2025 में शुरू हुए जीएसटीआर पंजीकरण अभियान में 48,000 नए डीलरों का सर्वेक्षण किया गया और इनमें से 10,500 योग्य डीलरों को सफलतापूर्वक पंजीकृत किया गया।
मंत्री चीमा ने कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य न केवल जीएसटी का आधार बढ़ाना है, बल्कि जनता में कर अनुपालन की समझ विकसित करना भी है। इसके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाए गए हैं।”
‘बिल लाओ, इनाम पाओ’ स्कीम बनी गेम चेंजर
कर चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को कर भुगतान के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य सरकार ने ‘बिल लाओ, इनाम पाओ’ स्कीम शुरू की थी। वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि इस स्कीम को उपभोक्ताओं से जबरदस्त समर्थन मिला है।
•4,106 उपभोक्ताओं को 2.45 करोड़ रुपये के इनाम दिए गए।
•‘मेरा बिल’ ऐप पर बिल अपलोड करने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया, जिससे लोग बिल लेने और अपलोड करने के प्रति जागरूक हुए।
•कर चोरी करने वालों पर 8.15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
वित्त मंत्री ने कहा, “यह योजना न केवल उपभोक्ताओं को कर रसीद लेने के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि व्यापारियों को भी कानूनी दायरे में लाने में मददगार साबित हुई है।”
कर अनुपालन में बढ़ोतरी: 93% करदाता समय पर फाइलिंग
पंजाब सरकार ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान बनाने और व्यापारियों को नियमों की जानकारी देने के लिए व्यापक अभियान चलाया।
•93% पंजीकृत करदाता अब नियमित रूप से समय पर रिटर्न भर रहे हैं।
•व्यापारिक संगठनों, औद्योगिक संघों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और वकीलों के साथ बैठकें आयोजित की गईं।
•आईआईटी हैदराबाद के साथ मिलकर उन्नत डेटा विश्लेषण उपकरण विकसित किए गए, ताकि कर चोरी पर लगाम लगाई जा सके।
वित्त मंत्री ने बताया कि कर विभाग ने नए तकनीकी टूल्स की मदद से संदिग्ध लेनदेन की जांच तेज की है।
छात्रों को भी बनाया कर जागरूकता अभियान का हिस्सा
कर जागरूकता को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष सेमिनार आयोजित किए गए।
•छात्रों को जीएसटी, बिलों की अहमियत और कर चोरी के दुष्प्रभाव समझाए गए।
•इंटरएक्टिव सत्र और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से युवाओं में कर प्रणाली की जानकारी बढ़ाई गई।
•युवा पीढ़ी को ‘मेरा बिल’ ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा, “हम मानते हैं कि जब युवा पीढ़ी कर प्रक्रिया को समझेगी, तो भविष्य में कर चोरी जैसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगेगा।”
व्यापारियों को दी गई चेतावनी: कानून का करें पालन
सरकार ने अपंजीकृत व्यापारियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून का पालन अनिवार्य है।
•जीएसटी में पंजीकरण से बचने वाले कारोबारियों को चिन्हित किया गया।
•विभाग ने ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण अभियान तेज किया है।
•कर चोरी करने वालों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार करदाताओं को हर संभव सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जो लोग कानून तोड़ेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
जीएसटी का बढ़ा आधार: राजस्व में उछाल की उम्मीद
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि जीएसटी के बढ़ते आधार से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
•नए पंजीकृत करदाताओं से कर संग्रह में तेजी आई है।
•औद्योगिक क्षेत्रों में टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने के लिए विशेष अभियान जारी हैं।
•डिजिटल तकनीकों के जरिए कर वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का लक्ष्य जीएसटी से प्राप्त राजस्व को जनकल्याणकारी योजनाओं में निवेश करना है।
आगे की रणनीति: कर आधार को और बढ़ाएगी सरकार
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कर चोरी रोकने और कर आधार को और मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
•बाजारों में जागरूकता कैंप जारी रहेंगे।
•टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाएगा।
•‘मेरा बिल’ ऐप के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं लाई जाएंगी।
वित्त मंत्री ने कहा, “पंजाब सरकार पारदर्शी और मजबूत कर व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। हम जीएसटी से प्राप्त राजस्व को राज्य के विकास और जनहित में उपयोग करेंगे।