चंडीगढ़, 20 फरवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा नीतियों में समयानुसार संशोधन करने से न केवल नए निवेशक आकर्षित होंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर भी उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री बुधवार देर शाम उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
हरियाणा में 10 नई औद्योगिक टाउनशिप की योजना
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि आईएमटी खरखौदा की सफलता को देखते हुए राज्य में 10 नई अत्याधुनिक औद्योगिक टाउनशिप स्थापित करने की योजना बनाई गई है। सरकार का लक्ष्य हरियाणा को निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाना है। उन्होंने आईटी पार्क के विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष उपायों का सुझाव दिया, ताकि छोटे और बड़े दोनों उद्योगों को समान रूप से बढ़ावा मिल सके।
हरियाणा को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की रणनीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की भौगोलिक स्थिति, मजबूत बुनियादी ढांचा और राष्ट्रीय राजधानी से निकटता राज्य को वैश्विक उद्यमों के लिए आकर्षक बनाती है। उन्होंने उद्योग विभाग और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (HSIIDC) को निर्देश दिया कि वे प्रवासी भारतीयों और विदेशी निवेशकों से संपर्क कर उन्हें हरियाणा में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करें।
एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में 1 बिलियन डॉलर निवेश का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने एक अलग बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में निवेश को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए हरियाणा सरकार ने एयरोस्पेस और रक्षा निवेश नीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) का निवेश आकर्षित करना है।
औद्योगिक विकास की दिशा में निर्णायक कदम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश योजनाओं को लक्ष्य आधारित (Target-Based) बनाया जाए और समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा विनिर्माण और MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनका अधिकतम लाभ हरियाणा को मिलना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, एसीएस विजयेंद्र कुमार, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, नागरिक उड्डयन विभाग के प्रधान सचिव श्यामल मिश्रा, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन, और मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
हरियाणा सरकार का उद्देश्य राज्य को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना और नए निवेश के अवसर पैदा करना है। सरकार की ये पहल प्रदेश में रोजगार बढ़ाने, व्यापारिक माहौल को सरल बनाने और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।