पंजाब के राज्यपाल ने नशे के खिलाफ सामाजिक अभियान का किया नेतृत्व, महिलाओं को बताया बदलाव की अहम कड़ी

Gulab Chand Kataria
पंजाब के राज्यपाल Gulab Chand Kataria ने समाज को नशे के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने में हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है।
उन्होंने खासतौर पर महिलाओं से इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की और कहा कि वे समाज में बदलाव लाने का महत्वपूर्ण साधन बन सकती हैं।
राज्यपाल ने जालंधर जिले के ऐतिहासिक गाँव ब्यास से ‘नशा मुक्त-रंगला पंजाब’ अभियान के तहत नशे के खिलाफ दो दिवसीय पैदल यात्रा की शुरुआत की।
इस यात्रा का नेतृत्व करते हुए उन्होंने खुद 8 किलोमीटर तक पैदल चलकर लोगों को प्रेरित किया।
यह यात्रा विश्व प्रसिद्ध धावक फौजा सिंह के घर से शुरू होकर गाँव भट्ठे में संपन्न हुई।

महिलाओं के लिए विशेष अपील

राज्यपाल ने कहा कि नशे की लत केवल व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर नहीं बनाती,
बल्कि इसका दुष्प्रभाव पूरे परिवार, खासतौर पर महिलाओं पर पड़ता है।
उन्होंने महिलाओं से नशे के खिलाफ आवाज उठाने और समाज में जागरूकता फैलाने की अपील करते हुए कहा
कि वे इस अभियान में बदलाव की वाहक बन सकती हैं।

Gulab Chand Kataria : नशे और अपराध का गहरा जुड़ाव

उन्होंने नशे और अपराध के बीच के संबंध को उजागर करते हुए कहा कि नशे की आदत से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर इसकी पूर्ति के लिए गलत रास्ते अपनाता है,
जो समाज में अपराध को बढ़ावा देता है।
उन्होंने इसे एक गंभीर समस्या बताते हुए समाज के हर वर्ग से इस अभियान में जुड़ने की अपील की।

यात्रा का आयोजन और समापन

•इस पैदल यात्रा में राज्यपाल के साथ 113 वर्षीय धावक फौजा सिंह भी शामिल हुए।
फौजा सिंह ने एक किलोमीटर तक पैदल चलकर नशे के खिलाफ लड़ाई का समर्थन किया और युवाओं को प्रेरित किया।
•यात्रा का समापन 11 दिसंबर को जंग-ए-आजादी करतारपुर में होगा, जहां एक विशेष समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।

Gulab Chand Kataria : सामाजिक सहयोग और सम्मान

राज्यपाल ने इस अवसर पर धावक फौजा सिंह को उनके प्रेरणादायक योगदान के लिए सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई तभी सफल होगी जब समाज का हर वर्ग, विशेष रूप से युवा, इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले।

आग्रह और संदेश

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि यह अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं है,
बल्कि इसे एक जनांदोलन में बदलना होगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे आगे आएं
और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नशा मुक्त और उज्जवल भविष्य का निर्माण करें।