Makar Sankranti 2025 – सर्दियों की विदाई और नए मौसम की शुरुआत का प्रतीक मकर संक्रांति, 2025 में 14 जनवरी, मंगलवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा।
यह पवित्र त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को दर्शाता है,
जो लंबे दिनों और नई फसल के आगमन का शुभ संकेत देता है।
इस दिन का महत्व सिर्फ मौसम परिवर्तन तक सीमित नहीं है।
यह त्योहार आत्मा की शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का प्रतीक है। इसे दान, स्नान और फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
मकर संक्रांति की परंपराएं और उत्सव – Makar Sankranti 2025
मकर संक्रांति को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:
1. पतंगबाजी का उत्साह: आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है, बच्चों से लेकर बड़े पतंगबाजी करते नज़र आते है।
2. पवित्र नदियों में स्नान: गंगा, यमुना और अन्य नदियों में स्नान से आत्मा की शुद्धि का माध्यम माना जाता है।
3. दान-पुण्य का त्योहार: गरीबों और जरूरतमंदों को तिल, गुड़, कपड़े और धन का दान किया जाता है।
4. लजीज पकवान: गुड़ और तिल के लड्डू, खिचड़ी और पोंगल जैसे व्यंजन इस त्योहार की खास पहचान हैं।
5. लोहड़ी: कई जगह संक्रांति से पहले लोहड़ी मनाई जाती है,
जहां उपले और सुखी लकड़ियों का ढेर लगाकर अग्नि प्रज्ज्वलित कर पूजा की जाती है।
चलिए मकर संक्रांति, 2025 के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते है :
अगर आप मकर संक्रांति पर स्नान, दान या पूजा की योजना बना रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त पर जरूर ध्यान दें।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय: सुबह 9:03 से शाम 5:46 तक
सर्वश्रेष्ठ समय स्नान और दान का: सुबह 9:03 से 10:48 तक
मकर संक्रांति सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति और मानव जीवन के बीच संतुलन का संदेश है।
इस दिन किए गए पुण्य कर्मों से ना केवल आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
2025 की मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान, पतंगबाजी और दान-पुण्य के साथ इस अद्भुत त्योहार का जश्न मनाएं।