चंडीगढ़, 28 अप्रैल: भारत में जैसे-जैसे गर्मी ने अपने पैर पसारने शुरू किए, वैसे ही मौसम ने करवट बदलना भी शुरू कर दिया है। अब तापमान के बढ़ते स्तर के बीच एक राहत की खबर मौसम विभाग की ओर से आई है, लेकिन यह राहत कुछ इलाकों के लिए चुनौती भी बन सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जो अगले तीन दिनों—29 अप्रैल, 30 अप्रैल और 1 मई—के दौरान देखने को मिल सकती है। इस मौसमीय बदलाव का असर खासकर देश के पूर्वोत्तर, पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में ज़्यादा महसूस किया जाएगा।
इन राज्यों में ज़ोरदार बारिश के आसार
IMD की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, सोमवार को यानी 29 अप्रैल को देश के पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष रूप से भारी वर्षा हो सकती है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन क्षेत्रों में बादलों की गड़गड़ाहट, तेज़ हवाएं और बिजली चमकने की भी संभावना जताई गई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत के केरल राज्य में सोमवार से बुधवार तक लगातार बारिश हो सकती है। इस दौरान यहां पर तेज़ हवाएं और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, पूर्वी भारत के राज्य ओडिशा में मंगलवार और बुधवार, यानी 30 अप्रैल और 1 मई को भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। इसी तरह झारखंड में बुधवार को बारिश का असर दिख सकता है।
क्यों ज़रूरी है सतर्कता?
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन राज्यों में केवल वर्षा नहीं, बल्कि तेज़ हवाएं, बिजली गिरने और आंधी की भी आशंका है। ऐसे में यह केवल मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि संभावित जोखिम भी है, जिससे बचने के लिए सभी लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए। खास तौर पर उन इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है जो पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं या फिर नदियों के किनारे बसे हैं। ऐसे क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।
यात्रा करने वालों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही सफर की योजना बनाएं। बिजली गिरने के मामलों में अक्सर खुले स्थानों पर खड़े रहने से जान-माल का नुकसान होता है, इसलिए सुरक्षा के सामान्य उपायों को अपनाना ज़रूरी है।
किसानों के लिए विशेष अलर्ट
खासतौर पर किसानों के लिए यह अलर्ट महत्वपूर्ण है। तेज़ बारिश का सीधा असर खेतों में खड़ी फसलों, सब्जियों और बागवानी उत्पादों पर पड़ सकता है। भारी वर्षा से फसलों की जड़ें गल सकती हैं, फूल और फल गिर सकते हैं, जिससे पैदावार पर असर पड़ना तय है।
कृषि विभाग ने किसानों को यह सलाह दी है कि वे मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर पहले से तैयारियां कर लें। खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, खुले में रखी गई खाद या बीज को सुरक्षित स्थानों पर रख दें और यदि संभव हो तो फसलों को ढकने की व्यवस्था करें। जिन फसलों की कटाई का समय आ गया है, उन्हें यथासंभव जल्दी काटकर सुरक्षित रखा जाए।
मौसम का यह बदलाव जहां कुछ क्षेत्रों में गर्मी से राहत दे सकता है, वहीं यह किसानों और आम नागरिकों के लिए चुनौतियां भी लेकर आ सकता है। इसीलिए भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी अलर्ट को गंभीरता से लेना आवश्यक है। समय रहते उचित कदम उठाकर संभावित नुक़सान से बचा जा सकता है।