Hospital Bill : पुणे के जहांगीर अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है। आपको बता दें कि अस्पताल के बाहर इन दिनों एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है।
जब एक महिला की मौत के बाद, उसके परिवार ने अस्पताल से शव वापस देने की गुज़ारिश की,
लेकिन अस्पताल ने इस मांग को ठुकरा दिया। उनका कहना था कि जब तक बकाया बिल नहीं चुकाए जाएंगे,
तब तक उनके परिवार को शव नहीं दिया जाएगा। यह घटना 8 दिसंबर 2024 की है,
जब 35 साल की महिला की अस्पताल में मौत हो गई थी।
इस मामले को दखते हुए अस्पताल में भी गंभीर चिंताएँ पैदा हो गईं है।
Hospital Bill : 52 लाख से भी ज़्यादा का भुगतान
आप सोचिए, इस परिवार ने पिछले साल अस्पताल को ₹52 लाख से भी ज़्यादा का भुगतान किया था,
जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट जैसी महंगी चिकित्सा प्रक्रियाएं भी शामिल थीं।
इसके बावजूद, अस्पताल ने उनके शव को वापस करने से मना कर दिया, और बकाया बिल की मांग करने लगे।
अब, परिवार और समुदाय के लोग अस्पताल के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं।
उन्होंने जहांगीर अस्पताल के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है,
और इस कदम को “हृदयहीन और असंवेदनशील” करार दिया गया है।
परिवार के एक सदस्य ने कहा, “यह सिर्फ इलाज की लापरवाही नहीं है, यह हमारी मानवीय गरिमा से जुड़ा सवाल है।
” अब समुदाय के लोग और स्थानीय लोग इस मामले में अधिकारियों से जल्द दखल देने की मांग कर रहे हैं,
ताकि अस्पताल ऐसे Sensitive मामलों में इंसानियत बनाए रखे। लोग इस मामले को लेकर बहुत गुस्से में भी नज़र आ रहे है।
सवाल यह उठता है कि क्या अस्पताल को इलाज की फीस की वजह से किसी के भी शव को रोकने का हक है?
यह मुद्दा केवल medical bills का नहीं, बल्कि मानवाधिकारों और सम्मान का भी है।
तो आप लोगों का इस मुद्दे पर क्या कहना है ? क्या अस्पताल का फैसला सही है या आखिर में इंसानियत ही सही है ?