RERA Tribunal Strict Action : हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ट्रिब्यूनल ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मानेसर स्थित पुराने राव ढाबे को हटाने का आदेश दिया है।
यह ढाबा राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे के नियंत्रित क्षेत्र में भूमि-उपयोग नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से बनाया गया था।
ट्रिब्यूनल ने गुरुग्राम के जिला नगर नियोजन (डीटीपी) प्रवर्तन विंग को 90 दिनों के भीतर ढाबा हटाकर भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का निर्देश दिया है।
यह फैसला “लाल सिंह यादव बनाम हरियाणा राज्य” (अपील संख्या 17/2021) के मामले में आया है।
ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि यह निर्माण न सिर्फ “ज़ोनिंग-लॉ” का उल्लंघन करता है, बल्कि सड़क सुरक्षा और शहरी योजना के मानकों के भी खिलाफ है।
RERA Tribunal Strict Action : ट्रिब्यूनल ने क्यों दिया ढाबा हटाने का आदेश?
रेरा ट्रिब्यूनल ने पाया कि राव ढाबा का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे प्रतिबंधित नियंत्रित क्षेत्र में किया गया है, जहां किसी भी वाणिज्यिक या आवासीय निर्माण की अनुमति नहीं है।
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) राजन गुप्ता ने कहा,“राजमार्ग किनारे अनधिकृत निर्माण न सिर्फ यातायात सुरक्षा को प्रभावित करते हैं,
बल्कि नियोजन नियमों की अवहेलना करते हैं। ऐसे निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को अनधिकृत निर्माणों को हटाने और भविष्य में ऐसे अतिक्रमणों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
ट्रिब्यूनल ने अपने 27 जनवरी 2025 के आदेश में कहा:
1.90 दिनों के भीतर ढाबा हटाने के निर्देश:
•डीटीपी प्रवर्तन विंग, गुरुग्राम को ढाबे को हटाने और भूमि को पूर्व स्थिति में बहाल करने का आदेश।
•कार्रवाई पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंपने की अनिवार्यता।
2.पूर्व आदेश की पुनर्पुष्टि:
•ट्रिब्यूनल ने 18 अगस्त 2021 को जारी अपने पिछले आदेश को फिर से दोहराया।
•ट्रिब्यूनल ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसे अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है।
3.अनधिकृत निर्माणों पर सख्ती:
•ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास अनधिकृत वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को सख्ती से रोका जाएगा।
•डीटीपी को ऐसी संरचनाओं की पहचान और उन्हें हटाने के लिए नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है।
क्या है मामला?
मानेसर स्थित पुराना राव ढाबा लंबे समय से राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
इस ढाबे को लेकर स्थानीय निवासियों और यातायात विभाग ने कई बार शिकायत की थी।
मामला तब ट्रिब्यूनल तक पहुंचा, जब लाल सिंह यादव नामक व्यक्ति ने हरियाणा राज्य के खिलाफ अपील दायर की।
अपील में दावा किया गया था कि ढाबा अवैध रूप से नियंत्रित क्षेत्र में बना है और इससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है।
ट्रिब्यूनल ने जांच के बाद पाया कि:
•यह ढाबा नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
•जोनिंग नियमों के तहत इस क्षेत्र में निर्माण की अनुमति नहीं थी।
•ढाबे के कारण राजमार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ा और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है।
अवैध निर्माणों पर ट्रिब्यूनल का सख्त संदेश
चेयरमैन जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि राजमार्ग किनारे अनधिकृत ढाबों, दुकानों और अन्य निर्माणों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ये निर्माण यातायात प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के लिए गंभीर खतरा हैं।
“राजमार्गों के आसपास अवैध निर्माण सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण हैं।
सरकार को ऐसी जगहों पर नियमित जांच और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
RERA Tribunal Strict Action : प्रवर्तन और आगे की कार्यवाही
रेरा ट्रिब्यूनल ने गुरुग्राम डीटीपी से कहा है कि वह ढाबा हटाने की कार्रवाई की वीडियो और फोटो रिपोर्ट 90 दिन के भीतर पेश करे।
डीटीपी प्रवर्तन अधिकारी ने कहा: “हम आदेश का सख्ती से पालन करेंगे।
मानेसर क्षेत्र में सभी अनधिकृत ढाबों और वाणिज्यिक निर्माणों की सूची तैयार की जा रही है।
आगामी महीनों में ऐसे निर्माणों को हटाने का अभियान तेज किया जाएगा।”
RERA Tribunal Strict Action : फैसले का व्यापक असर
हरियाणा रेरा ट्रिब्यूनल का यह आदेश:
1.अनधिकृत निर्माणकर्ताओं को स्पष्ट संदेश:
•बिना अनुमति नियंत्रित क्षेत्रों में ढाबे, दुकानों या अन्य संरचनाओं का निर्माण गैरकानूनी है।
2.राजमार्ग सुरक्षा को प्राथमिकता:
•यातायात की सुगमता और सड़क सुरक्षा के लिए अनधिकृत निर्माण हटाना जरूरी है।
3.नगर नियोजन को मजबूती:
•डीटीपी और अन्य नियोजन एजेंसियों को नियमित निरीक्षण और कार्रवाई की प्रेरणा मिलेगी।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
मानेसर निवासी राहुल वर्मा ने कहा, “यह एक सकारात्मक फैसला है।
राजमार्ग किनारे अनधिकृत ढाबों के कारण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं आम हो गई थीं।
उम्मीद है कि यह निर्णय अन्य अवैध ढांचों पर भी कार्रवाई को प्रेरित करेगा।”
वहीं, व्यापारी संघ के अध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा, “हमारे व्यापारियों को नियमों का पालन करना चाहिए।
अनधिकृत निर्माणों से केवल प्रशासन की नहीं, सड़क पर चलने वाले नागरिकों की भी सुरक्षा खतरे में पड़ती है।”
रेरा ट्रिब्यूनल ने डीटीपी, गुरुग्राम को निर्देश दिया है कि वह:
1.27 अप्रैल 2025 तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे।
2.भविष्य में ऐसे अवैध निर्माण न हों, इसके लिए सख्त योजना लागू करें।
3.जनता को नियंत्रित क्षेत्रों में निर्माण नियमों की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए।