छात्रों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम: हरियाणा के 38 पॉलिटेक्निक कॉलेजों में चला सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान!

चंडीगढ़, 6 मई: हरियाणा सरकार ने एक सराहनीय पहल करते हुए प्रदेश के सभी 38 सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में छात्रों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एक विशेष सड़क सुरक्षा अभियान चलाया। इस अभियान का आयोजन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा किया गया, जिसमें 15,000 से अधिक विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की। इसका मकसद सिर्फ एक दिन के कार्यक्रम तक सीमित नहीं था, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर सुरक्षित यातायात के प्रति स्थायी समझ और जिम्मेदारी का भाव पैदा करना था।

इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए विभाग ने क्षेत्रीय ट्रैफिक पुलिस और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम किया। इस दौरान कॉलेज परिसरों में इंटरऐक्टिव कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जहां छात्रों को व्यावहारिक उदाहरणों और अनुभवों के माध्यम से यातायात नियमों के महत्व को समझाया गया। इन सत्रों में लाइसेंस की अनिवार्यता, हेलमेट पहनने की जरूरत और सड़कों पर सावधानीपूर्वक व्यवहार करने जैसे मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

अभियान के तहत पॉलिटेक्निक परिसरों में ही ड्राइविंग लाइसेंस की जांच के लिए विशेष सत्यापन डेस्क स्थापित किए गए। छात्रों के दस्तावेजों की जांच की गई और जिनके पास वैध लाइसेंस या हेलमेट नहीं थे, उन्हें परामर्श दिया गया तथा उन्हें समय रहते ये जरूरी दस्तावेज़ और उपकरण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा, कुछ संस्थानों में छात्रों को हेलमेट भी वितरित किए गए।

कार्यक्रम की सबसे प्रभावशाली विशेषता रही – वास्तविक दुर्घटना सिमुलेशन। विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत इन सत्रों में दिखाया गया कि कैसे एक छोटी सी चूक किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इन सत्रों ने छात्रों को झकझोर कर रख दिया और सड़क सुरक्षा की गंभीरता को करीब से समझने का अवसर दिया।

तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक, श्री प्रभजोत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह अभियान सिर्फ एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी यह सोच है कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा के मूलभूत सिद्धांतों से भी अवगत कराना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि विभाग जल्द ही अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा से संबंधित एक विशेष मॉड्यूल शामिल करने की योजना बना रहा है ताकि यह शिक्षा छात्रों की दिनचर्या का हिस्सा बन सके। इसके अलावा, प्रत्येक तिमाही में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना है, जिससे यह प्रयास निरंतर जारी रह सके।

श्री सिंह ने यह भी बताया कि 15,000 छात्रों में से 85 प्रतिशत के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस था, जो युवाओं में जागरूकता के सकारात्मक संकेत हैं। जिन छात्रों के पास लाइसेंस या सुरक्षा उपकरण नहीं थे, उन्हें न केवल जागरूक किया गया, बल्कि उन्हें यह सुनिश्चित करने का रास्ता भी दिखाया गया कि वे जल्द से जल्द इन आवश्यकताओं को पूरा करें।

हरियाणा सरकार का यह प्रयास केवल नियमों की जानकारी देना नहीं, बल्कि युवाओं में सुरक्षा, जिम्मेदारी और अनुशासन की संस्कृति को विकसित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस तरह की पहल न केवल छात्रों की व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि समाज में एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उनकी भूमिका को भी सशक्त बनाती है।