चंडीगढ़, 28 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के नए द्वार खोलने की दिशा में एक अहम पहल की है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) की स्थापना के लिए पंचकूला में निशुल्क भूमि देने का प्रस्ताव रखा है। यह विश्वविद्यालय राज्य में फोरेंसिक और न्यायिक विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को एक नई ऊंचाई दे सकता है।
पृष्ठभूमि और प्रगति:
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वर्ष 2022 में हरियाणा सरकार ने इस परियोजना के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।
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इसके बाद NFSU गांधीनगर की एक समिति ने प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंप दी।
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अब मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी देने का आग्रह दोहराया है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यह संस्थान:
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राज्य में फोरेंसिक साइंस की उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा।
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हरियाणा के युवाओं के लिए तकनीकी और न्यायिक क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खोलेगा।
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भारतीय न्याय संहिता (BNS) जैसे नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएगा।
डॉ. सुमिता मिश्रा की जानकारी:
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया:
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हरियाणा सरकार सभी हितधारक विभागों की क्षमताएं बढ़ा रही है ताकि नया आपराधिक ढांचा प्रभावी ढंग से लागू हो सके।
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राज्य में 17 नए MFSU (मिनी फोरेंसिक साइंस यूनिट्स) और 9 विष विज्ञान प्रभागों को मंजूरी दी गई है।
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68.70 करोड़ रुपये आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए स्वीकृत हुए हैं।
एफएसएल हरियाणा में हुआ बड़ा विस्तार:
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351 से बढ़ाकर 599 स्वीकृत पद (70.7% वृद्धि)
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167 से बढ़ाकर 342 तैनात अधिकारी (104.8% वृद्धि)
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257 नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी
इन बदलावों से हरियाणा की फोरेंसिक जांच प्रणाली पहले से ज्यादा सक्षम हो गई है।
न्यायिक प्रक्रिया में आया सुधार:
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राज्य की फोरेंसिक लैब अब तेजी से डीएनए और अन्य रिपोर्ट उपलब्ध करा रही है।
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फरीदाबाद, करनाल, डबवाली, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, सिरसा और रेवाड़ी जैसे जिलों ने बेहतरीन नतीजे दिए हैं।
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सजा दर में 75% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।