चंडीगढ़, 7 मई: हरियाणा सरकार आज, यानी 7 मई को, पूरे राज्य में एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित करने जा रही है, जिसका उद्देश्य है राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता का परीक्षण और नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना। यह अभ्यास “ऑपरेशन अभ्यास” नाम से चलाया जा रहा है, जो आज शाम ठीक 4 बजे शुरू होगा और इसमें राज्य के सभी 22 जिलों को शामिल किया गया है।
इस ड्रिल को लेकर हरियाणा सरकार ने आम जनता से एक अहम अपील की है—सभी नागरिक शाम 7:50 से 8:00 बजे तक अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखें। यह 10 मिनट की ब्लैकआउट ड्रिल राज्यभर में एक साथ की जाएगी, जिससे यह अभ्यास और अधिक यथार्थ के करीब हो सके।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल कैसे आयोजित की जाए और किन पहलुओं पर विशेष ध्यान देना है।
यह अभ्यास खासकर सरकारी भवनों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर किया जाएगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी सिविल डिफेंस यूनिट्स, होमगार्ड, पुलिस, एनसीसी, और आपदा मित्रों के साथ मिलकर समन्वित रूप से इस ड्रिल को सफल बनाएं।
यह भी साफ किया गया है कि यह अभ्यास लोगों को डराने के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें तैयार करने का एक जरिया है। इसलिए सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लोगों को स्पष्ट करें कि यह केवल एक पूर्वाभ्यास है, किसी प्रकार का वास्तविक खतरा नहीं है।
लोगों से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि उन्हें अपने क्षेत्र में कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें। इसके साथ-साथ, समुदाय के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय प्रभावशाली लोगों को भी इस जागरूकता अभियान में शामिल किया जाएगा, ताकि ‘क्या करें और क्या न करें’ की सही जानकारी घर-घर तक पहुंचे।
डॉ. सुमिता मिश्रा, जो कि गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं, ने जानकारी दी कि पहले यह मॉक ड्रिल केवल 11 जिलों में आयोजित की जानी थी, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है। यह अभ्यास आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राज्य और जिला स्तर पर लागू इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS) का हिस्सा है।
इस प्रणाली के अनुसार, मुख्य सचिव को रिस्पॉन्सिबल ऑफिसर (RO) के रूप में और वित्त आयुक्त एवं राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को इंसिडेंट कमांडर (IC) के रूप में नामित किया गया है। साथ ही, जिला समन्वयक, सुरक्षा अधिकारी, मीडिया अधिकारी आदि की जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट रूप से निर्धारित कर दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में समन्वय में कोई कमी न रह जाए।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि सभी फायर ब्रिगेड, ट्रॉमा सेंटर और स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस अभ्यास के दौरान निकासी अभियान, फायर सेफ्टी ड्रिल और संभावित हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली का परीक्षण भी किया जाएगा।
ड्रिल के दौरान, आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने घर के अंदर रहें, खिड़कियों से दूर रहें और अगर गाड़ी चला रहे हैं, तो उसे किनारे खड़ा करके उसकी लाइट्स बंद कर दें। सभी इन्वर्टर और वैकल्पिक बिजली स्रोत भी अस्थायी रूप से बंद कर देने की सलाह दी गई है।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है:
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आपातकालीन स्थितियों में सरकारी व्यवस्था की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण
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आम नागरिकों में सजगता और अनुशासन को बढ़ावा देना
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अफवाहों और दहशत से बचने की पूर्व तैयारी करना