किसानों के हित में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र से किया ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ!

चंडीगढ़, 29 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज धर्म और शिक्षा की नगरी कुरुक्षेत्र से एक ऐसी ऐतिहासिक शुरुआत की, जो आने वाले वर्षों में राज्य की कृषि व्यवस्था में सकारात्मक बदलावों का वाहक बनने जा रही है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ नामक यह पहल केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन की शक्ल में किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय अधिकारियों को एक मंच पर लाने का प्रयास है। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, नवीन विचारों और सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर, जागरूक और नवाचार से भरपूर बनाना है।

ज्ञान, नवाचार और तकनीक की त्रिवेणी: कृषि क्षेत्र में संवाद की नई शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह अभियान एक ऐसी त्रिवेणी का रूप है, जिसमें कृषि वैज्ञानिक, कृषि से जुड़े विभागों के अधिकारी और किसान सीधे एक-दूसरे से संवाद करेंगे। यह अभियान किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझेगा, उनके सुझावों को सुनेगा और साथ ही उनके लिए उपयुक्त समाधान भी सुझाएगा।

उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि आज भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, तो उसका श्रेय सीधे-सीधे देश के किसानों की अथक मेहनत, धैर्य और समर्पण को जाता है। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि किसानों के बिना भारत का कोई भी विकास अधूरा है और उनका सशक्तिकरण ही ‘विकसित भारत’ की असली नींव है।

मिट्टी से लेकर मार्केट तक: कृषि का हर पहलू होगा इस अभियान का हिस्सा

इस अभियान का दायरा केवल खेतों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि किसानों की ज़रूरतों के अनुसार खेती के हर पहलू को इसमें शामिल किया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की महत्ता, खरीफ फसलों के लिए वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी, सरकारी योजनाओं की पहुंच, और किसानों की प्रतिक्रिया से कृषि अनुसंधान को एक नई दिशा देना – ये सभी इस अभियान के मूल उद्देश्य हैं।

हरियाणा के लगभग 1,380 गाँव और 109 ब्लॉक इस योजना के तहत आएंगे, जहां कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य विभाग की टीमें मिलकर कार्य करेंगी। इस महा-अभियान के अंतर्गत देशभर के 2,000 से अधिक कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी लगभग डेढ़ करोड़ किसानों से सीधे संवाद करेंगे – यह अपने आप में कृषि इतिहास का सबसे बड़ा संपर्क कार्यक्रम बन सकता है।

स्मार्ट खेती और डिजिटल तकनीक से भविष्य की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अब समय आ गया है कि किसान परंपरागत तरीकों से आगे बढ़ें और स्मार्ट एग्रीकल्चर को अपनाएं। इस दिशा में डिजिटल तकनीक की भूमिका अहम होगी। किसानों को डिजिटल उपकरणों, मौसम जानकारी, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और फसल प्रबंधन तकनीकों की जानकारी दी जाएगी ताकि वे समय की मांग के अनुसार खेती कर सकें।

किसानों के कल्याण के लिए हरियाणा सरकार की ऐतिहासिक पहलें

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यह भी गिनवाया कि कैसे राज्य सरकार ने अब तक किसानों के हित में कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। उदाहरण के लिए खरीफ फसलों के लिए 1,345 करोड़ रुपये का बोनस, अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा ‘आबियाना’ खत्म कर किसानों को राहत, खेतों से गुजरने वाली हाई टेंशन लाइनों के लिए विशेष मुआवजा नीति, और पट्टेदार किसानों को मालिकाना हक देना – ये सभी निर्णय किसानों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हुए हैं।

जल संरक्षण और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री ने जल संकट की गंभीरता को समझते हुए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना का उल्लेख किया। इस योजना के तहत जो किसान धान की जगह वैकल्पिक फसलें अपनाते हैं, उन्हें 8,000 रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार ने 30,000 रुपये की सब्सिडी पर देशी गाय खरीदने की योजना शुरू की है। गोबर से खाद बनाने के लिए ड्रम आदि के लिए भी वित्तीय सहायता दी जा रही है।

केंद्रीय योजनाओं का लाभ भी हरियाणा के किसानों को

इस मौके पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि कैसे केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना और पीएम फसल बीमा योजना ने किसानों को आर्थिक राहत पहुंचाई है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में प्रदेश के 15 लाख किसानों को मृदा परीक्षण रिपोर्ट उनके मोबाइल पर भेजी गई, जिससे उन्हें उनकी जमीन की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी मिली।

समापन पर मुख्यमंत्री ने किया पत्रिकाओं का विमोचन और पोस्टर लॉन्च

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कृषि, बागवानी, मत्स्य, पशुपालन और अन्य विभागों की पत्रिकाओं का विमोचन किया और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा तैयार ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के पोस्टर को हस्ताक्षर कर लॉन्च किया।

इस अवसर पर राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। यह दिन हरियाणा के कृषि इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ की तरह याद किया जाएगा।