हरियाणा-जापान सहयोग से बागवानी क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम!

चंडीगढ़, 22 फरवरी: हरियाणा में बागवानी और आधुनिक कृषि तकनीकों के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय (एमएचयू), करनाल और जापान के कोच्चि विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य इंटरनेट ऑफ प्लांट्स (आईओपी) नामक तकनीक पर अनुसंधान करना और इसे प्रदेश के किसानों के लिए उपलब्ध कराना है।

इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समझौता किसानों की आमदनी बढ़ाने और हरियाणा को बागवानी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
हरियाणा में बागवानी की बढ़ती संभावनाएं
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा देश का अन्न भंडार है, लेकिन अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार उन्हें पॉलीहाउस खेती, आधुनिक सिंचाई प्रणालियों और नवीनतम अनुसंधान से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 4,000 एकड़ में पॉलीहाउस खेती हो रही है और 6,400 एकड़ में लो-टनल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन और अनिश्चित मौसम से निपटने के लिए संरक्षित खेती को बढ़ावा देना आवश्यक हो गया है।
इंटरनेट ऑफ प्लांट्स (आईओपी) तकनीक से किसानों को होगा फायदा
एमएचयू करनाल के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि इंटरनेट ऑफ प्लांट्स (आईओपी) तकनीक ग्रीनहाउस में तापमान, नमी, प्रकाश संश्लेषण जैसी प्रक्रियाओं को स्वचालित और नियंत्रित करने में मदद करेगी। इससे बागवानी फसलों की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के अध्यक्ष प्रो. उकेडा हिरोयूकी ने इस सहयोग को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह किसानों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।
एमओयू से किसानों को होंगे ये प्रमुख लाभ:
•बागवानी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि।
•ग्रीनहाउस और संरक्षित खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
•फसल तुड़ाई के बाद होने वाली हानि को कम करने के लिए सप्लाई चेन और कोल्ड चेन प्रबंधन।
•पॉलीहाउस और अन्य संरक्षित खेती की तकनीकों को बढ़ावा।
सरकार की योजनाओं से बागवानी को बढ़ावा
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के कारण हरियाणा में बागवानी क्षेत्रफल 10 लाख एकड़ तक पहुंच चुका है। पॉलीहाउस खेती और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से किसान अधिक लाभ कमा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए कार्य कर रही हैं। जापान के जाइका प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा सरकार बागवानी उत्पादों की सप्लाई चेन और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार कर रही है, जिससे किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिल सके।
हरियाणा और जापान के बीच हुआ यह समझौता बागवानी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। इंटरनेट ऑफ प्लांट्स (आईओपी) तकनीक, संरक्षित खेती और उन्नत अनुसंधान के माध्यम से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और हरियाणा को भारत का अग्रणी बागवानी राज्य बनाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. राजा शेखर वुंडरू, विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार पवन चौधरी, बागवानी निदेशालय के विशेष विभागाध्यक्ष अर्जुन सिंह सैनी, अनुसंधान निदेशक प्रो. रमेश गोयल, एमएचयू करनाल के रजिस्ट्रार सुरेश सैनी और जापानी प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।