चंडीगढ़, 14 मई: हरियाणा सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ग्रुप-D की 7596 रिक्तियों में से 1209 पद वंचित अनुसूचित जातियों (DSC) और अन्य अनुसूचित जातियों (OSC) के लिए आरक्षित करने की घोषणा की है। यह फैसला सामाजिक समावेशन, पारदर्शिता और समान अवसरों की दिशा में राज्य सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” जैसे मूलमंत्र की धरातल पर क्रियान्विति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा की सरकार ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
भर्ती प्रक्रिया: पारदर्शिता और योग्यता आधारित चयन का मॉडल
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के माध्यम से घोषित यह भर्ती प्रक्रिया कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के स्कोर पर आधारित होगी। इससे न केवल चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाएगा, बल्कि योग्य और पात्र उम्मीदवारों को बिना किसी भेदभाव के अवसर मिल सकेंगे।
आरक्षण का नया अध्याय: DSC और OSC के लिए पहली बार विशेष प्रतिनिधित्व
हरियाणा के इतिहास में पहली बार ग्रुप-D की भर्तियों में वंचित अनुसूचित जातियों (DSC) के लिए 605 पद और अन्य अनुसूचित जातियों (OSC) के लिए 604 पद आरक्षित किए गए हैं।
यह पहल न केवल जातिगत असमानताओं को दूर करने की दिशा में प्रयास है, बल्कि यह आरक्षण की मूल भावना — सबसे वंचित और पिछड़े व्यक्ति तक लाभ पहुँचाने — का सशक्त उदाहरण है।
इसके अलावा अन्य वर्गों जैसे:
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BCA (Backward Class-A)
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BCB (Backward Class-B)
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EWS (Economically Weaker Section)
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PH (Persons with Disabilities)
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ESP (Eligible Sports Person)
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ESM (Ex-Servicemen)
को भी उनके निर्धारित आरक्षण के अनुसार लाभ मिलेगा।
सरकार का दृष्टिकोण: अंत्योदय से आत्मनिर्भरता तक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस संबंध में कहा,
“हमारी सरकार अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर चल रही है — यानी समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं और लाभों की पहुँच सुनिश्चित करना। यह भर्ती अभियान न केवल युवाओं को रोजगार देगा, बल्कि सामाजिक न्याय की जड़ों को भी मजबूत करेगा।”
यह बयान हरियाणा सरकार के उस नीति दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो केवल विकास के आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि विकास में भागीदारी और समावेशिता को केंद्र में रखता है।
ट्रिपल इंजन सरकार: केंद्र, राज्य और प्रशासन का समन्वित प्रयास
यह पहल केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रशासन की “ट्रिपल इंजन” रणनीति का हिस्सा है, जिसमें तीनों स्तरों की शक्तियाँ मिलकर समाज के हर वर्ग तक विकास पहुंचाने में जुटी हैं।
तकनीक के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की योजना भी इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि आवेदकों को समय और संसाधनों की बचत भी होगी।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
हरियाणा के लाखों युवाओं के लिए यह भर्ती अभियान एक स्वर्णिम अवसर की तरह सामने आया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से:
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सरकारी सेवा में प्रवेश का रास्ता खुलेगा
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त किया जाएगा
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ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों से आने वाले प्रतिभागियों को बराबरी का मौका मिलेगा