चंडीगढ़, 10 मई: हरियाणा सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा, आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार ने “नागरिक सुरक्षा नियम, 1968” को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू करने और इसकी निगरानी के लिए “राज्य नागरिक सलाहकार कार्यान्वयन समिति” का गठन किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस समिति का गठन इसलिए किया गया है ताकि किसी भी आपदा, संकट या आकस्मिक स्थिति में राज्य स्तर पर तेज़, समन्वित और प्रभावशाली प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। यह समिति न सिर्फ नीति निर्धारण में सहायता करेगी, बल्कि क्रियान्वयन की निगरानी करते हुए विभागों के बीच सामंजस्य भी बनाए रखेगी।
समिति में कौन-कौन होंगे शामिल?
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह समिति वरिष्ठतम प्रशासनिक और तकनीकी अधिकारियों को मिलाकर तैयार की गई है, ताकि अनुभव और निर्णय लेने की क्षमता दोनों का समुचित समावेश हो।
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समिति की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्य सचिव करेंगे।
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उपाध्यक्ष के रूप में दो अधिकारी कार्य करेंगे: वित्त आयुक्त (राजस्व) तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन)।
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सदस्य के रूप में कई विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
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गृह विभाग
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सिंचाई एवं जल संसाधन
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ऊर्जा विभाग
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लोक निर्माण विभाग (बिल्डिंग एंड रोड्स)
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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले
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उच्च शिक्षा, उद्योग, तथा स्कूल शिक्षा विभागों के प्रधान सचिव
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इसके अतिरिक्त, विकास एवं पंचायत विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, शहरी स्थानीय निकाय, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभागों के आयुक्त एवं सचिव भी इस समिति में भाग लेंगे।
आपात सेवाओं के प्रमुख भी होंगे समिति का हिस्सा
इस समिति को और अधिक व्यावहारिक और जमीनी स्तर से जोड़ने के लिए राज्य के प्रमुख सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
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पुलिस महानिदेशक (DGP)
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी (ADGP-CID)
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अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक
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राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कमांडेंट
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कमांडेंट जनरल, होम गार्ड तथा निदेशक, नागरिक सुरक्षा – जो समिति के सदस्य-सचिव के रूप में कार्य करेंगे
विशेष तकनीकी एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
समिति में कुछ ऐसे पदाधिकारी भी जोड़े गए हैं जो सीधे तौर पर तकनीकी या क्षेत्रीय संचालन से जुड़े हैं। इनमें प्रमुख हैं:
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नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) के आयुक्त एवं सचिव
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नागरिक सैन्य संपर्क सम्मेलन (सिविल मिलिट्री कोऑर्डिनेशन), पश्चिमी कमान, चंडीमंदिर के निदेशक
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पुलिस अधीक्षक, राजकीय रेलवे पुलिस (GRP), अंबाला
इन सभी की भूमिका विशेष रूप से उन क्षेत्रों में समन्वय बनाने की होगी जहाँ नागरिक सुरक्षा और परिवहन, रेल या सैन्य संस्थानों के बीच तालमेल की आवश्यकता पड़ती है।
क्यों है यह समिति जरूरी?
हरियाणा जैसे राज्य में, जहाँ औद्योगिक, शहरी और ग्रामीण विकास तीव्र गति से हो रहा है, वहां आपात परिस्थितियों—जैसे बाढ़, आग, भूकंप, औद्योगिक हादसे या किसी प्रकार का सामुदायिक संकट—से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
ऐसे में यह समिति राज्य सरकार को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती है, जहां सभी संबंधित विभाग मिलकर योजना बना सकते हैं, संसाधनों का समुचित उपयोग कर सकते हैं और प्रशिक्षण, बचाव व राहत कार्यों की पूर्व तैयारी कर सकते हैं।