हरियाणा के पानी के अधिकार की लड़ाई तेज, CM ने रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष रखा मुद्दा!

चंडीगढ़, 21 फरवरी: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष प्रदेश के जल अधिकारों की पुरजोर मांग उठाई। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी 1987 को न्यायाधिकरण द्वारा दी गई रिपोर्ट पर जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लिया जाए, ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिल सके।

मुख्यमंत्री ने यह मांग न्यायाधिकरण के दौरे के दौरान हुई अहम बैठक में रखी।

हरियाणा 37 साल से पानी के न्याय की राह देख रहा – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा की 2 करोड़ 80 लाख जनता बीते 37 वर्षों से अपने हिस्से के पानी की प्रतीक्षा कर रही है।

📌 1987 में रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण ने रिपोर्ट दी थी, लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ।
📌 हरियाणा की जनता, किसान और उद्योगपति बेसब्री से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
📌 उन्होंने न्यायाधिकरण से आग्रह किया कि जल्द से जल्द न्यायपूर्ण फैसला सुनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि न्यायाधिकरण एक निष्पक्ष और विवेकपूर्ण निर्णय लेगा, जिसकी पूरे देश में सराहना होगी।

जल संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कर रहीं कार्य

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि जल संरक्षण आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है।

📌 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की जो योजना बनाई थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं।
📌 हरियाणा सरकार भी इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
📌 जल संरक्षण के लिए कई नई योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

SYL नहर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में, फिर भी नहीं मिला पानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) नहर का पानी भी बहुत महत्वपूर्ण है।

📌 सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में निर्णय दिया है, लेकिन पंजाब सरकार अभी तक पानी देने में टालमटोल कर रही है।
📌 हरियाणा कई मंचों से अपनी मांग उठा चुका है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
📌 मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि जल्द ही एसवाईएल नहर का मुद्दा सुलझेगा और हरियाणा को उसका हक मिलेगा।

बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और हरियाणा-पंजाब के महाधिवक्ता भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि *हरियाणा सरकार प्रदेश के जल अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।*

उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों, उद्योगों और आम नागरिकों को पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। जल संकट को दूर करने और प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की यह बैठक हरियाणा के जल अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है। रावी-ब्यास जल न्यायाधिकरण से 1987 की रिपोर्ट पर जल्द निर्णय लेने की मांग, एसवाईएल नहर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन कराने की अपील और जल संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है कि हरियाणा सरकार अपने जल संसाधनों की रक्षा के लिए पूरी तरह गंभीर है।

प्रदेश की जनता को उम्मीद है कि जल विवाद का समाधान जल्द निकलेगा और हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलेगा।