Holi 2025 और Chandra Grahan: रंग-बिरंगी होली पर ग्रहण का साया, न करें ये गलतियां!

चंडीगढ़, 21 फरवरी: 14 मार्च 2025 को जब पूरा देश रंगों के त्योहार होली में डूबा होगा, उसी दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण भी पड़ने वाला है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, जिसका प्रभाव धार्मिक और दैनिक गतिविधियों पर पड़ता है। ऐसे में होली के उत्सव और ग्रहण के नियमों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा।

होली 2025 और चंद्र ग्रहण का समय
•होलिका दहन: 13 मार्च 2025
•पूर्णिमा तिथि आरंभ: 13 मार्च सुबह 10:35 बजे
•पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च दोपहर 12:23 बजे
•चंद्र ग्रहण प्रारंभ: 14 मार्च सुबह 9:29 बजे
•चंद्र ग्रहण समाप्त: 14 मार्च दोपहर 3:29 बजे
ग्रहण के कारण होली खेलने के शुभ मुहूर्त को लेकर कुछ सावधानियां रखनी होंगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ गतिविधियों से बचना चाहिए।
ग्रहण के दौरान न करें ये गलतियां
1. ग्रहण के समय भोजन पकाना और खाना
शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित माना गया है। इस दौरान भोजन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है। ग्रहण से पहले खाने में तुलसी के पत्ते डालकर इसे शुद्ध बनाए रखने की परंपरा है।
2. शारीरिक संबंध बनाने से बचें
ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाना शास्त्रों में निषेध बताया गया है। कहा जाता है कि इस समय किया गया यह कार्य शरीर और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
3. सोने से परहेज करें
ग्रहण काल में सोना शुभ नहीं माना जाता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय सोने से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा प्रभावित हो सकती है। इस दौरान ध्यान, मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करना लाभकारी होता है।
4. अत्यधिक शारीरिक श्रम न करें
ग्रहण के दौरान ज्यादा मेहनत या भारी वस्तुएं उठाने से बचना चाहिए। यह समय मानसिक शांति बनाए रखने और आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त माना गया है।
5. शुभ कार्य न करें
ग्रहण काल में शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने जैसे शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। ग्रहण के प्रभाव से इन कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं।
6. धार्मिक अनुष्ठानों में गड़बड़ी न करें
अगर आप ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ या मंत्र जाप कर रहे हैं, तो इसे पूरी शुद्धता के साथ करें। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही अनिष्टकारी हो सकती है।
7. यात्रा करने से बचें
ग्रहण के समय यात्रा को अशुभ माना जाता है, खासकर रात में। इस दौरान यात्रा करने से दुर्घटनाओं या अन्य समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है।
8. अधिक हलचल से बचें
ग्रहण के दौरान अत्यधिक शारीरिक गतिविधियां या हलचल से बचना चाहिए। इस समय ध्यान, योग और मंत्रोच्चारण करने की सलाह दी जाती है ताकि नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सके।
ग्रहण के दौरान क्या करें?
✅ मंत्र जाप करें – ग्रहण काल में “ओम नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करना शुभ माना जाता है।
✅ गंगा जल या तुलसी के पत्ते भोजन में डालें – इससे नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
✅ दान-पुण्य करें – ग्रहण के बाद गरीबों को भोजन, वस्त्र, अनाज आदि का दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
✅ स्नान करें – ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
ग्रहण के कारण होली का समय कैसे प्रभावित होगा?
होली का त्योहार और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ने के कारण इस साल होली खेलने के शुभ मुहूर्त को लेकर सावधानी बरतनी होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है।
1. क्या ग्रहण के दौरान रंग खेलना शुभ होगा?
ग्रहण के दौरान किसी भी धार्मिक या शुभ कार्य को वर्जित माना जाता है, इसलिए होली खेलने से पहले ग्रहण समाप्त होने का इंतजार करना उचित होगा।
2. क्या होलिका दहन पर असर पड़ेगा?
नहीं, क्योंकि होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा, जबकि चंद्र ग्रहण 14 मार्च को पड़ेगा। इसलिए इसका असर होलिका दहन पर नहीं पड़ेगा।
3. रंग खेलने का सही समय क्या रहेगा?
ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 बजे तक रहेगा। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण समाप्त होने के बाद ही रंगों की होली खेलना शुभ माना जाएगा।
ग्रहण के बाद क्या करें?
✅ स्नान करें – ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगा जल मिलाकर स्नान करना शुभ माना जाता है।
✅ घर की सफाई करें – ग्रहण के बाद घर की शुद्धि के लिए गंगा जल का छिड़काव करें।
✅ भगवान की पूजा करें – स्नान के बाद भगवान का ध्यान करें और घर में मंत्रों का उच्चारण करें।
✅ भोजन बनाएं और ग्रहण करें – ग्रहण समाप्त होने के बाद ही ताजा भोजन पकाएं और ग्रहण करें।
इस साल होली और चंद्र ग्रहण एक ही दिन होने के कारण लोगों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा। ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य करने से बचें और ग्रहण समाप्त होने के बाद ही रंगों की होली खेलें। साथ ही, ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए दान-पुण्य, मंत्र जाप और स्नान आदि करें।