चंडीगढ़, 1 मई: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने अपना रुख बदला है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही प्रदेश के मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। बुधवार से शुरू हुए इस बदलाव ने प्रदेश के अधिकांश हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। भारतीय मौसम विभाग ने 6 मई तक ‘येलो अलर्ट’ जारी कर दिया है, जो इस बात का संकेत है कि आगामी दिनों में तेज हवाएं चलेंगी, बिजली चमक सकती है और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश भी हो सकती है।
क्या है मौसम विभाग की चेतावनी?
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तेज हवाओं की गति 40 से 50 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
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आसमान में बिजली की गर्जना के साथ चमक की संभावना जताई गई है।
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कुछ क्षेत्रों में हल्की वर्षा के भी आसार हैं।
इस येलो अलर्ट का असर केवल मौसम तक सीमित नहीं रहेगा, इसका सीधा प्रभाव आम जनजीवन और कृषि गतिविधियों पर पड़ने की पूरी आशंका है।
खेतों और बागानों पर मंडराया संकट
हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए यह मौसम का बदलाव चिंता का कारण बन गया है।
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खेतों में कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल पर बारिश और तेज हवाओं का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। यदि बारिश तेज हुई, तो फसल गिरने या खराब होने का खतरा बढ़ सकता है।
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बागवानी में सेब उत्पादक क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं। इस समय सेब के पेड़ों पर फूल लग चुके हैं और ‘फ्रूट सेटिंग’ की प्रक्रिया चल रही है। तेज हवाओं से ये फूल और छोटे फल गिर सकते हैं, जिससे आने वाली फसल पर बुरा असर पड़ सकता है।
तापमान में गिरावट, मौसम में ठंडक
पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा की गति तेज हुई है और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
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बीते कुछ दिनों में प्रदेश के 13 स्थानों — जैसे कि सोलन, सुंदरनगर, ऊना, मंडी, कांगड़ा और नाहन — में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था।
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अब इन क्षेत्रों में दिन के तापमान में गिरावट आई है, जिससे मौसम में ठंडक का अहसास बढ़ गया है।
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हैरानी की बात यह रही कि शिमला का न्यूनतम तापमान, सोलन, धर्मशाला, भुंतर और मनाली जैसे स्थलों से अधिक रहा। यह संकेत देता है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम अपेक्षाकृत अधिक ठंडा हो गया है।
ब्यास नदी पर खतरे की घड़ी: पंडोह डैम से कभी भी छोड़ा जा सकता है पानी
बढ़ती ठंड और बदलते मौसम के बीच एक और गंभीर चेतावनी सामने आई है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने जानकारी दी है कि पंडोह डैम में पानी का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है। इसका कारण है पहाड़ों पर बर्फ का तेजी से पिघलना।
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डैम के स्पिलवे गेट कभी भी खोले जा सकते हैं, जिससे ब्यास नदी में अचानक जल स्तर बढ़ सकता है।
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इस स्थिति को देखते हुए, बीबीएमबी ने नदी किनारे बसे लोगों को सावधानी बरतने और नदी के करीब न जाने की सलाह दी है।
नागरिकों से अपील: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
प्रदेश सरकार और मौसम विभाग दोनों ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मौसम की इस अचानक करवट से सतर्क रहें।
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किसानों से अपील की गई है कि वे अपनी फसलों को बारिश और तेज हवाओं से सुरक्षित रखने के लिए त्वरित कदम उठाएं।
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बागवानों को सलाह दी गई है कि वे सेब के बागानों की निगरानी करें और यथासंभव पौधों को क्षति से बचाने के उपाय करें।
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आम लोगों को नदी किनारों और जोखिम भरे क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त सलाह दी गई है।