Weather: चेन्नई में बारिश का कहर, रेड अलर्ट के साथ भारी बारिश की चेतावनी

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Weather : चेन्नई और उसके आस-पास के इलाकों में बहुत भारी बारिश की संभावना है, क्योंकि उत्तर-पूर्व मानसून के 15 या 16 अक्टूबर तक पहुंचने की उम्मीद है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी तेजी से हो रही है

और अगले चार दिनों में यह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा, जिससे उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय हो सकेगा।

Weather : हिंद महासागर में तूफानी हलचल दर्ज

IMD ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से और इसके पास के हिंद महासागर में तूफानी हलचल दर्ज की है।

यह सिस्टम 14 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में निम्न दबाव क्षेत्र में बदल सकता है

और इसके बाद उत्तर-तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों की तरफ बढ़ने की संभावना है।

इससे इन क्षेत्रों में भारी बारिश का खतरा बढ़ जाएगा।

Weather : चेन्नई और उसके आस-पास के जिलों में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने 16 अक्टूबर के लिए चेन्नई और उसके आस-पास के जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है,

जिसमें ज्यादातर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

इसके अलावा, 15 अक्टूबर को भारी बारिश की संभावना के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इन अलर्ट्स से प्रभावित जिलों में चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, रानीपेट, तिरुवन्नामलई और पुडुचेरी शामिल हैं।

साथ ही, वेल्लोर, तिरुपत्तूर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी और सलेम जैसे जिलों में भी भारी बारिश का खतरा बना हुआ है।

IMD ने स्थानीय अधिकारियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।

उत्तर-पूर्व मानसून के आने से पहले ही तमिलनाडु के कई जिलों में तेज बारिश हो रही है।

पिछले 24 घंटों में मदुरै में 16 सेंटीमीटर तक बारिश हुई है,

जबकि शिवगंगा जिले के तिरुभुवनम में 14 सेंटीमीटर, विरुधुनगर के शिवकाशी और रामेश्वरम, मदुरै के पेरियापट्टी और तंजावुर के वेटिकाडु में 12 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

मछुआरों को चेतावनी 17 अक्टूबर तक समुद्र में ना जाएं

इसके साथ ही IMD ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि 17 अक्टूबर तक समुद्र में ना जाएं,

क्योंकि समुद्र में तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिनकी रफ्तार 55 से 60 किमी/घंटा तक हो सकती है।

विशेष रूप से मंगलवार और बुधवार को तटीय इलाकों के आसपास समुद्र की स्थिति खतरनाक रहने की आशंका है,

जिससे मछुआरों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।