Haryana: CM Nayab Singh Saini ने सोशल-इकोनॉमिक मापदंडों पर हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में गरीब परिवारों के बच्चों को दिए गए अंकों को लेकर कहा कि हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है और इन मापदंडों की आधारशिला गरीबी से मुक्ति के माध्यम से सरकारी नौकरियों के माध्यम से उनकी सुधार है।
Singh Saini ने कहा कि हम उनके अधिकारों के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएंगे और यदि आवश्यक हो, विधानसभा में एक विधेयक भी लाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो उम्मीदवार समूह-सी और समूह-डी पदों पर नियुक्त हुए हैं, उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है, सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है।
CM Nayab Singh Saini ने चंडीगढ़ में सोमवार को पत्रकार सम्मेलन में बात करते हुए कहा कि यह हमारी सरकार का दृढ़ संकल्प है कि हरियाणा की 2.5 करोड़ आबादी के समृद्धि और खुशहाली के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 2018 में फरवरी में एक नीति बनाई थी, जिसके अनुसार सरकारी नौकरियों के लिए लिए गए परीक्षाओं में गरीब विधवा, अनाथ, सरकारी नौकरियों से वंचित परिवारों के सदस्य, विमुक्त जातियों के युवा और अस्थायी कर्मचारियों को कुछ अतिरिक्त अंक देने की नीति बनाई थी। इस नीति के फलस्वरूप तब से ही हजारों गरीब युवा और अस्थायी कर्मचारी स्थायी सरकारी नौकरियों में स्थान पाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हीरोना सामाजिक-आर्थिक मापदंड के 5 अंकों की प्रावधानिकता की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता इस मामले में छोटी राजनीति करते हैं और उल्टे बयान देकर झूठ और भ्रम फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। हमारी सरकार ने पिछले 9 और आधे साल में 1 लाख 32 हजार युवाओं को नौकरियां दी हैं।
मुख्यमंत्री ने इस्तीफ़े जारी करने वाले सियासी दल को ‘नौकरी रोक गैंग’ बताया और कहा कि ये दल चाहता है कि हरियाणा के गरीब, कमजोर, वंचित और आवश्यकताओं से रहित युवा बिना खर्चे की सरकारी नौकरियां पाने में ना सफल हों। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल के नेता न तो राज्य के युवाओं की चिंता करते हैं और न ही हरियाणा की गरीब विधवाओं, अनाथों और विमुक्त जातियों के गरीब युवाओं की, जिनकी सहायता में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार की अवधि में भ्रष्टाचार, जातिवाद और स्थानीयतावाद नौकरियों में प्रचलित थे। नौकरियां नीलामी होती थीं, पैसे और प्रभाव के साथ लोग नौकरियां खरीदते थे और गरीब परिवारों को वंचित किया जाता था। इसी के कारण युवाओं में कुशलता और निराशा बढ़ गई थी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इन 9 और आधे वर्षों में लगभग 1,32,000 युवाओं को बिना चिट्ठी और खर्चे की नौकरियां दी हैं, जिससे आज युवाओं में आशा और आत्मविश्वास उत्पन्न हो गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एक नेता भ्रम फैलाने के इरादे से आरोप लगाते हैं, जबकि यह वास्तविकता यह है कि 13 लाख 50 हजार युवाओं ने 13,657 पदों के लिए पंजीकरण किया था। इनमें से 9 लाख 50 हजार उम्मीदवारों ने सीईटी परीक्षा दी थी, जिसमें से 4 लाख 20 हजार उम्मीदवार पास हुए थे।
उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक मापदंड में 2657 उम्मीदवारों को अंक दिए गए थे, उनका परिणाम रोका गया था, उनकी नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। 11 हजार युवाओं को जोड़ लिया गया है, उन्हें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनकी नौकरियां सुरक्षित रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों पर दी गई फैसले का प्रथम चरण CET परीक्षा पर कोई असर नहीं होगा। समूचे ग्रुप-सी के लगभग 12 हजार चयनित उम्मीदवारों की भर्ती बचाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि उन्हें फिर से परीक्षा देनी न पड़े, इसके लिए उच्च न्यायालय के समक्ष एक समीक्षा याचिका के माध्यम से वास्तविक स्थिति पेश की जाएगी।
CM Singh Saini ने घोषणा की कि अगले 2 महीनों में 50 हजार अतिरिक्त नौकरियां दी जाएंगी। इसके लिए, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा और अगले सप्ताह राज्य को पूर्ण कैलेंडर जारी कर दिया जाएगा। इससे युवाओं के सरकारी नौकरी के सपने को साकार होने में मदद मिलेगी।
भविष्य में भी, हमारी सरकार केवल योग्यता पर आधारित भर्तियाँ करेगी, बिना किसी चिट्ठे या व्यय के। यह उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो वास्तविकता में नौकरी प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।