हरियाणा सरकार की बाढ़ से पहले तैयारी तेज – 15 जून तक साफ होंगी ड्रेनेज लाइंस, लापरवाही पर होगी सीधी कार्रवाई!

चंडीगढ़, 27 मई: हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों को संभावित मानसून की चुनौतियों से सुरक्षित रखने की दिशा में कमर कस ली है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि ड्रेनों की सफाई कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेकर हर हाल में 15 जून 2025 तक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून के आगमन से पहले इस दिशा में किसी भी प्रकार की ढिलाई को गंभीर लापरवाही माना जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आज यहां सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साथ बाढ़ सुरक्षा योजनाओं और ड्रेनों की सफाई की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ड्रेनों की सफाई के लिए तुरंत एक सुव्यवस्थित शेड्यूल तैयार करें और स्थानीय अधीक्षण अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाए ताकि कोई क्षेत्र कार्य से अछूता न रहे।

मुख्य सचिव 10 जून को लेंगे समीक्षा बैठक, लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी 10 जून को फिर से इस कार्य की विस्तृत समीक्षा करेंगे। यदि किसी क्षेत्र में कार्य अधूरा या लापरवाही से किया गया पाया गया, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

स्थायी समाधान पर भी हो ध्यान – बाढ़ से लड़ाई सिर्फ तात्कालिक नहीं, दीर्घकालिक होनी चाहिए

श्री सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जलभराव के स्थायी कारणों की पहचान करें और ऐसी योजनाएं बनाएं जो दीर्घकालिक समाधान प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि बाढ़ सुरक्षा केवल अस्थायी उपायों तक सीमित न रहे, बल्कि प्रत्येक जलनिकासी समस्या का वैज्ञानिक और स्थानीय स्तर पर उपयुक्त समाधान ढूंढा जाए।

जनप्रतिनिधियों और पंचायतों द्वारा सुझाए गए कार्यों को प्राथमिकता देने का भी स्पष्ट निर्देश दिया गया।

टांगरी और मारकंडा नदियों में भी होगी गाद निकासी

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से टांगरी और मारकंडा नदियों में गाद जमा होने से उत्पन्न संभावित बाढ़ खतरे पर चिंता जताई और संबंधित विभाग को इन नदियों की समयबद्ध सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य मानसून पूर्व ही पूरा हो जाना चाहिए ताकि बाढ़ का खतरा कम हो सके।

एसवाईएल और हांसी-बुटाना नहरों का मानसून जल भंडारण में होगा उपयोग

बैठक में एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी सामने आई कि हरियाणा सरकार एसवाईएल और हांसी-बुटाना लिंक नहरों के माध्यम से मानसून के पानी को संग्रहित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इस परियोजना के तहत ड्रेनों और घग्गर नदी के जल को इन नहरों में भेजा जाएगा और अस्थायी बांध बनाकर पानी को रोका जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य सिर्फ बाढ़ नियंत्रण ही नहीं, बल्कि भूजल स्तर को रिचार्ज करना और सिंचाई की बढ़ती मांगों को पूरा करना भी है।

मुख्यमंत्री ने मांगा जल पंपों की स्थिति का भी ब्यौरा

उन्होंने अधिकारियों से जल निकासी में प्रयुक्त होने वाले पंपों की स्थिति और संख्या की जानकारी भी मांगी और आवश्यक पंपों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि आपात स्थिति में कोई अड़चन न आए।

बैठक में शामिल हुए शीर्ष अधिकारी और जिलाधिकारी

बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी, मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण गुप्ता, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के आयुक्त मोहम्मद शाइन, जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, इंजीनियर-इन-चीफ, मुख्य अभियंता तथा राज्य के सभी उपायुक्त, अधीक्षण अभियंता और कार्यकारी अभियंता वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।