हरियाणा में 16वें वित्त आयोग की अहम बैठक: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रखा ‘विकसित हरियाणा @2047’ का रोडमैप!

चंडीगढ़, 28 अप्रैल: हरियाणा की राजधानी में उस समय ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो राज्य के वित्त मंत्री का प्रभार भी संभालते हैं, ने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और उनके साथियों के साथ राज्य के आर्थिक और सामाजिक भविष्य पर एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में प्रदेश की नीतियों, वित्तीय संतुलन और समावेशी विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की गई।

हरियाणा का आर्थिक परिदृश्य: एक सशक्त तस्वीर

बैठक की शुरुआत एक प्रभावशाली प्रस्तुति के साथ हुई, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जनसंपर्क विभाग के सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, और शहरी निकाय महानिदेशक पंकज ने हरियाणा की 1966 से अब तक की आर्थिक यात्रा का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।

प्रस्तुति में यह बताया गया कि हरियाणा ने किस तरह आर्थिक अनुशासन, पारदर्शिता और मजबूत कर प्रणाली के बल पर खुद को देश के टॉप प्रदर्शनकारी राज्यों में शुमार किया है। वर्ष 2024-25 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) ₹6.77 लाख करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है।
इस वर्ष प्रति व्यक्ति आय ₹3.53 लाख मानी गई है, जो देश के अधिकतर राज्यों से कहीं अधिक है और इसे हरियाणा की वित्तीय दक्षता का प्रमाण माना जा रहा है।

सभी फसलों की MSP पर खरीद: देश में पहली मिसाल

राज्य ने कृषि क्षेत्र में भी अग्रणी पहल करते हुए देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है, जिसने सभी प्रमुख फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को स्थिर करने की दिशा में क्रांतिकारी साबित हुआ है।

स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी हरियाणा

चिरायु योजना और आयुष्मान भारत योजना के संयुक्त प्रभाव से हरियाणा की 61.84% जनसंख्या यानी 47 लाख परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिल चुका है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने आयोग को बताया कि केंद्र सरकार भले ही केवल 9 लाख परिवारों के लिए प्रतिपूर्ति कर रही हो, लेकिन राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से अतिरिक्त 32 लाख परिवारों को योजना में जोड़ा है। यह राज्य सरकार के वित्तीय समर्पण का स्पष्ट संकेत है।

GST संग्रहण में राष्ट्रीय अग्रणी

हरियाणा देश के GST राजस्व में पांचवां सबसे बड़ा योगदानकर्ता है और प्रति व्यक्ति GST कलेक्शन में शीर्ष स्थान पर है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य न केवल उत्पादन कर रहा है, बल्कि पारदर्शी तरीके से कर प्रणाली को लागू भी कर रहा है।

सतत विकास और सामाजिक समावेशिता की ओर तेजी

बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा ने भारत SDG इंडेक्स में ‘फ्रंट रनर’ राज्य का दर्जा प्राप्त किया है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की वार्षिक आय सीमा ₹1.80 लाख तय की गई है, जिससे ज्यादा परिवार सरकारी लाभ योजनाओं में शामिल हो सकें।

विजन हरियाणा @2047: भविष्य की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक में ‘मिशन हरियाणा @2047’ की रूपरेखा भी साझा की। यह मिशन हरियाणा को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था और 50 लाख नौकरियों के सृजन की ओर ले जाने वाला है। इसके तहत:

  • स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स बनाया जाएगा।

  • AI हब और इनोवेशन सिटी हब स्थापित किए जाएंगे।

  • 50,000 युवाओं को AI व तकनीकी शिक्षा से लैस किया जाएगा।

  • ‘संकल्प प्राधिकरण’ के ज़रिए युवा मार्गदर्शन और नशा-मुक्ति पर कार्य होगा।

  • ‘डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर’ नामक एक नया विभाग नवाचार को बढ़ावा देगा।

आयोग के समक्ष अहम आग्रह

राज्य सरकार ने आयोग से आग्रह किया कि जिन राज्यों ने केंद्र योजनाओं का दायरा स्वयं के प्रयासों से बढ़ाया है, उन्हें स्टेट-स्पेसिफिक ग्रांट्स दी जानी चाहिए। साथ ही, राज्य की ओर से जल्द ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए विस्तृत ज्ञापन सौंपने का आश्वासन दिया गया।

बैठक में शामिल अन्य प्रमुख अधिकारी:

  • श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, सदस्य, 16वां वित्त आयोग

  • श्री अजय नारायण झा, सदस्य

  • डॉ. मनोज पांडा, सदस्य

  • डॉ. सौम्या कांति घोष, सदस्य

  • श्री अरुण कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव

  • के.एम. पांडुरंग, महानिदेशक, जनसंपर्क

यह बैठक न केवल हरियाणा के आर्थिक भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकती है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार स्वावलंबी, डिजिटल और समावेशी हरियाणा के निर्माण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यदि वित्त आयोग राज्य की प्रस्तुत नीतियों और मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाता है, तो आने वाले वर्षों में हरियाणा भारत के अग्रणी राज्यों की कतार में सबसे आगे खड़ा दिखाई देगा।