हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम सोहना (गुरुग्राम) में कार्यरत जूनियर इंजीनियर (जेई) मुस्तकीम और कमर्शियल सहायक (सीए) दीपक कुमार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। आयोग ने जेई पर 10,000 रुपये और सीए पर 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई उन्हें अधिसूचित समय सीमा में न करने और उचित कार्यवाही के बिना एक शिकायत का समाधान न करने के कारण की गई है।
एक प्रवक्ता ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिकायत के आधार पर आयोग ने संज्ञान लिया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता कैलाश ने बिल संशोधन से संबंधित एक अपील दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कार्यालय में दर्ज कराई थी। उसने इस में यह दावा किया था कि एमआरबीडी एजेंसी के मीटर रीडर ने गलती से 1491 (केडब्लूएच) की रीडिंग दर्ज की थी, जबकि वास्तव में यह 779 (केडब्लूएच) थी। इसके बाद भी एमसीओ को अपडेट नहीं किया गया, जिससे बिल में देरी हुई।
इस मामले की जांच में पाया गया कि एसडीओ और एक्सईएन ने बिल संशोधन के मामले में कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया। इसके परिणामस्वरूप आयोग ने तत्कालीन एसडीओ लियाकत अली और एक्सईएन गौरव चौधरी को हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन न करने के लिए आयोग द्वारा सुझावित अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
आयोग ने यह भी दावा किया है कि मुख्य दोष इस मामले में जेई मुस्तकीम का है, जिन्होंने पांच महीने तक एम.सी.ओ. में प्रवेश नहीं किया और न ही इसे स्वीकृत करवाया। आयोग ने उनके बयानों में कोई उचित कारण नहीं पाया और उन्हें इस मामले में अपनी लापरवाही की जिम्मेदारी दी है।