Haryana कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, “Chaudhary Charan Singh किसानों और श्रमिक वर्ग के सच्चे थे हितैषी”

Haryana कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, "Chaudhary Charan Singh किसानों और श्रमिक वर्ग के सच्चे थे हितैषी"

Chaudhary Charan Singh को उनकी 37वीं पुण्यतिथि पर Chaudhary Charan Singh Haryana कृषि विश्वविद्यालय में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. कम्बोज मुख्य अतिथि थे। उन्होंने विश्वविद्यालय कैंपस में स्थापित Chaudhary Charan Singh की प्रतिमा को माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

Chaudhary Charan Singh को याद करते हुए प्रो. कम्बोज ने कहा कि वह किसानों और श्रमिक वर्ग के सच्चे हितैषी थे। इसलिए उन्हें किसानों का मसीहा कहा गया है। वह एक उच्चकोटि के विद्वान, लेखक और अर्थशास्त्री थे, जिनके पास कृषि अर्थव्यवस्था की गहरी समझ थी। Chaudhary Charan Singh किसानों के दिलों में रहते थे और उन्हें पूरी तरह से समझते थे। वह कहते थे कि देश की समृद्धि का रास्ता गांवों के खेतों और खलिहानों से होकर जाता है।

कुलपति ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के नाम से जुड़े इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य देश और किसानों के कृषि विकास के लिए काम करना है। अगर हम चौधरी चरण सिंह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलें और ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करें और देश, राज्य और गरीब किसानों की प्रगति में योगदान दें, तो यह हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Haryana कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, "Chaudhary Charan Singh किसानों और श्रमिक वर्ग के सच्चे थे हितैषी"

किसानों का मसीहा Chaudhary Charan Singh

Chaudhary Charan Singh का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था। उन्होंने गरीब परिवार में रहकर गाँवी वातावरण में अपना बचपन बिताया था। उन्हें किसानों और गरीब लोगों की समस्याओं को बहुत अच्छी तरह समझा। उन्होंने कहा था कि अगर किसानों की हालत बेहतर होती है, तो देश भी बेहतर होगा। इसलिए, उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों और श्रमिक वर्ग के हित में काम किया और उनके उन्नति के लिए संघर्ष किया।

पूरे देश के किसानों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए वह हर संभव प्रयास करते रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री होने के बावजूद, उन्होंने देश के किसानों की जीवन को सुधारने के लिए नीतियाँ बनाई और कार्यान्वयन किया। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक सेवा की। उन्हें सरकार ने 2024 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

बचपन से गाँव में

Chaudhary Charan Singh का बचपन नूरपुर गाँव में बिता, जहाँ उन्होंने किसानों की मुश्किलें और गरीबी को खूबसूरती से समझा।

किसानों के हित में योजनाएँ

Chaudhary Charan Singh ने किसानों की जीवनशैली को सुधारने के लिए विभिन्न योजनाओं को शुरू किया।

भारत रत्न

सरकार ने उन्हें 2024 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इससे उनके महत्वपूर्ण योगदान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया गया।

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