“Haryana में बिजली और पेयजल संकट का समाधान: 72% बिजली की आपूर्ति में वृद्धि”

Haryana में बिजली की मांग और पेयजल संकट की स्थिति: Haryana में बिजली की मांग गर्मी की भीषणता के दौरान 25.5 करोड़ इकाइयों तक पहुंच गई है। मंगलवार को पिछले साल की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक बिजली की आपूर्ति हुई है। इसी बीच, पीने के पानी की कमी के समाधान के लिए 888 पानी के टैंकरों की भर्ती की गई है।

मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बुधवार को समीक्षा बैठक में भीषण गर्मी को देखते हुए प्रदेश में निरंतर बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बिजली की उपलब्धता पर संतोष जताया और स्थानीय स्तर पर बिजली आपूर्ति में किसी भी प्रकार की समस्या का शीघ्र समाधान करने की जरूरत पर जोर दिया।

इसके साथ ही, बिजली कंपनियों को भी स्थानीय स्तर पर त्वरित और प्रभावी रूप से बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए अतिरिक्त टीमों का गठन करने के लिए निर्देश दिया गया, प्रतिदिन बिजली आपूर्ति का मॉनिटरिंग करने के लिए और हर 48 घंटे के बाद फीडर-वाइज रिपोर्ट भेजने के लिए। ताकि यदि आवश्यक हो तो समय पर कदम उठाए जा सकें।

बिजली संकट को दूर करने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं

बिजली कंपनियों द्वारा स्थानीय स्तर पर बिजली संबंधित शिकायतों के निगरानी और त्वरित समाधान के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो स्थिति को तुरंत निराधारित करने और बिजली आपूर्ति को तत्काल पुनर्स्थापित करने का काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि भारी गर्मी के बावजूद, हमने प्रदेश में बिजली की नियमित आपूर्ति को संभाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है। गर्मी के कारण तकनीकी खराबियों के कारण कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में बाधा हो रही है, जिसे बिजली कंपनियों की टीमों द्वारा जल्द से जल्द हल किया जा रहा है।

पानी की समस्या को हल करने के लिए टैंकर भरे गए हैं

जिला स्तर पर जल संबंधित शिकायतों को सुलझाने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसके अलावा, मांग के अनुसार टैंकर के माध्यम से जल आपूर्ति की सुनिश्चिति भी की जा रही है। इसके लिए, विभाग द्वारा 888 जल टैंकर बाहरी किए गए हैं।

आयुध और जल संसाधन विभाग के कमिश्नर और सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि ज्वलन्त गर्मी और बढ़ते तापमान के कारण बर्फ के पिघलने की गति बढ़ गई है, जिसके कारण नदियों और बांधों में पानी की बहाव में वृद्धि हुई है। राज्य में नहर आधारित जल सप्लाई योजनाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

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