Haryana: अलग-अलग ID बनाने के लिए जांच पंजीकृत, परिजन ID को प्रभावित करनेेे

Haryana: अतिरिक्त उपायुक्त ने परिवार पहचान पत्र (PPP) ID अलग कर BPL श्रेणी में शामिल करने वाले 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। ADC कार्यालय ने ऐसे करीब 22 लोगों की पहचान की थी। पहले चरण में आदमपुर में फैमिली ID अलग करवाने वाली आरती, कैलाश गर्ग, CSC संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र और प्रवेश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि उक्त लोग 5 से 10 हजार रुपये लेकर फैमिली ID अलग कर देते थे। इस मामले में आदमपुर, उकलाना, मिलगेट, हांसी, उकलाना के एक गांव के PPP संचालक भी पुलिस की रडार पर हैं।

पुलिस को दी शिकायत में ADC नीरज ने बताया कि उनके विभाग से परिवार पहचान पत्र से जुड़ा काम होता है और परिवार पहचान पत्र का सारा डेटा FIDR में स्टोर होता है. विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 24 जनवरी 2024 को डाटा इश्यू पोर्टल एवं एकल सदस्य सत्यापन का कार्य करते समय दो परिवार पहचान पत्रों में एक मोबाइल नंबर होने का मामला सामने आया था। जांच करने पर पता चला कि आरती सिसौदिया ने परिवार पहचान पत्र में कोई दस्तावेज अपलोड किए बिना ही अपना अलग परिवार पहचान पत्र बनवा लिया है। इस मामले की जानकारी जब विभाग को मिली तो जांच करायी गयी. आरती सिसौदिया को जांच के लिए हिसार ADC कार्यालय बुलाया गया.

इस दौरान आरती सिसौदिया ने बताया कि उसने अपने दोस्त कैलाश गर्ग के माध्यम से बालाजी CSC सेंटर संचालक सुरेंद्र सुथार से ID अलग कराई थी। सुरेंद्र सुथार ने बताया कि उसने यह काम लितानी गांव के सुरेंद्र की मदद से किया है. सुरेंद्र गांव लितानी ने यह काम भिवानी के गांव ग्रहणपुरा कलां निवासी प्रवेश के माध्यम से करवाया था। अधिकारी के मुताबिक, इस कुप्रथा का एक लिंक तब है, जब Haryana सरकार को परिवार पहचान पत्र अलग करवाने के लिए खुद का बिजली बिल मांगना पड़ता था। ये गतिविधियां समाज को नुकसान पहुंचा रही हैं और विभाग के नाम और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस मामले में गंभीरता से जांच की जरूरत है ताकि पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सके.

आंकड़ों पर एक नजर

जिले में परिवार पहचान पत्र: 490241
पीपीपी में पंजीकृत कुल व्यक्ति: 1886245
जिले में CSC: 2519

उकलाना-आदमपुर में पहले भी मामले सामने आ चुके हैं

इससे पहले उकलाना में एक गिरोह पकड़ा गया था, जो परिवार पहचान पत्र में बदलाव कर रहा था. इन 6 लोगों के खिलाफ तत्कालीन उपायुक्त उत्तम सिंह ने FIR दर्ज करायी थी. इन सभी से CSC लाइसेंस वापस ले लिया गया. इसके बाद आदमपुर में एक मामला सामने आया. इसमें दो CSC संचालकों ने एक व्यक्ति के दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर उसे OBC प्रमाणपत्र जारी कर दिया।

इसके बाद उस शख्स ने अपने माता-पिता को मर चुके होने का प्रमाण पत्र बनवा लिया था. OBC वर्ग में नौकरी के लिए आवेदन किया था। PPP से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ अब तक कुल 16 FIR दर्ज की गई हैं। इसमें हिसार में 1,भिवानी में 2,रोहतक में 6,पानीपत में 4,पलवल में 3 FIR दर्ज की गई है। PPP से छेड़छाड़ करने वालों को दस साल तक की सजा हो सकती है.

अधिकारी के अनुसार

मामले में जांच प्रक्रिया के बाद कुछ लोगों के नाम सामने आये हैं. इसके आधार पर हमने FIR दर्ज कराई है, इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ -नीरज कुमार, ADC, हिसार।

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