गुरुग्राम में मॉनसून से पहले तैयारियों की समीक्षा: उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने दिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश!

चंडीगढ़, 8 अप्रैल: हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज गुरुग्राम में आगामी मॉनसून के लिए जलभराव की स्थिति से निपटने हेतु नगर निगम गुरुग्राम और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग, अतिरिक्त निगम आयुक्त वाई. एस. गुप्ता सहित जीएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

मुख्य दिशा-निर्देश जो मंत्री ने अधिकारियों को दिए:

  1. जलभराव की रोकथाम के लिए पूर्व तैयारी:
    मंत्री ने कहा कि बरसात के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से ही पूरी कर ली जाएं। विशेष रूप से ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम की सफाई को मॉनसून शुरू होने से पहले ही पूरा करना आवश्यक है।

  2. राष्ट्रीय राजमार्गों के नालों की सफाई प्राथमिकता पर:
    जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर के नालों की सफाई को प्राथमिकता दी जाए ताकि पानी के प्रवाह में कोई बाधा न आए।

  3. पंप व्यवस्था से स्थायी समाधान की ओर बढ़ना:
    राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले तीन वर्षों में जलभराव की निकासी के लिए अस्थायी पंप व्यवस्था से हटकर स्थायी समाधानों की दिशा में कदम उठाएं।

  4. ग्रीन बेल्ट में जलभराव से निपटने के उपाय:
    मंत्री ने सुझाव दिया कि जीएमडीए अधिकारी चिन्हित स्थानों पर ट्रायल के तौर पर गड्ढे बनाकर उसमें जमीन स्तर से एक फीट ऊपर तक ईंटों से भरवाएं। इससे प्राकृतिक जलस्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी लाभकारी होगा।

ड्रेनेज सिस्टम और प्रदूषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यमुना सफाई अभियान के संदर्भ में, मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि गुरुग्राम के ड्रेनेज सिस्टम में फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी गिरने से रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।

  • दिल्ली क्षेत्र में नजफगढ़ ड्रेन की डिसिल्टिंग पर शीघ्र ही दिल्ली सरकार से चर्चा की जाएगी।

सड़क मरम्मत और नालों की सफाई की समस्या:

मंत्री ने यह भी कहा कि सड़क मरम्मत कार्य के दौरान साथ लगते नालों की सफाई नहीं की जा रही है, जिससे मॉनसून के समय नालों के ओवरफ्लो होने की संभावना बढ़ जाती है और सड़क को नुकसान पहुँचता है। इसके अलावा, कई स्थानों पर नालों के होल्स सड़क के स्तर से ऊंचे होने के कारण रिहायशी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनती है।

रिहायशी सोसाइटी और जल प्रबंधन पर विशेष निर्देश:

  • सभी रिहायशी सोसाइटी में स्थापित एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वे प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं।

  • अनधिकृत क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन पर नियंत्रण के लिए ठोस उपाय किए जाएं।

बैठक में अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा:

  • नगर निगम गुरुग्राम से जल शुल्क का भुगतान

  • एमसीजी द्वारा अंडरपास की सफाई

  • कॉलोनियों में सीधा जल कनेक्शन

  • बूस्टिंग स्टेशन तक जाने वाली पाइपलाइन में सीधा कनेक्शन

  • सेक्टरों के मुख्य नाले के साथ आंतरिक नालों की कनेक्टिविटी

राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों से कहा कि सभी कार्यों की गुणवत्ता और प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जाए। इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि गुरुग्राम में मॉनसून के लिए तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं, लेकिन अधिकारियों को सतर्क और सक्रिय रहना होगा ताकि कोई भी चुनौती समय पर निपटी जा सके।