धर्म की खातिर सब कुछ समर्पित किया – गुरु तेग बहादुर जी को सैनी की श्रद्धांजलि!

चंडीगढ़, 18 अप्रैल: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र के गांव बीड मथाना में आयोजित कार्यक्रम में श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए और कहा कि धर्म और समाज की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाला बलिदान पूरी मानवता के लिए प्रेरणा है।

बीड मथाना में श्री गुरु तेग बहादुर द्वार का उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने गांव के प्रवेश पर स्थित श्री गुरु तेग बहादुर द्वार का उद्घाटन किया, जिसे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बीड मथाना द्वारा बनवाया गया है। इस अवसर पर उन्होंने गुरुद्वारा सिंह सभा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को नमन किया और प्रदेशवासियों की सुख-शांति व समृद्धि के लिए अरदास की। साथ ही, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को द्वार निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा भी की।

गुरुओं की वाणी को सहेजने के लिए बनेगा कुरुक्षेत्र में संग्रहालय

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐलान किया कि गुरुओं की वाणी, शिक्षाएं और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए कुरुक्षेत्र में भव्य संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। यह संग्रहालय न केवल युवाओं को इतिहास से जोड़ने का काम करेगा, बल्कि पूरे देश में सिख गुरु परंपरा को सम्मान देने का एक प्रतीक बनेगा।

श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को अपनाना आज की ज़रूरत

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा,
“हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी ने जिस प्रकार धर्म की रक्षा के लिए शहादत दी, वह विश्व इतिहास में अनूठी है। आज के समय में उनके आदर्शों को जीवन में उतारना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” उन्होंने याद दिलाया कि यह वही मार्ग है जिससे होकर गुरु जी कुरुक्षेत्र से लौहगढ़ की ओर गए थे, इसलिए इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

गुरुओं की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है सरकार

मुख्यमंत्री सैनी ने सरकार द्वारा सिख गुरुओं की स्मृति में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया:

  • पानीपत में गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाया गया।

  • नई दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उपस्थिति में प्रकाश पर्व का आयोजन हुआ।

  • सिरसा में ‘चिल्ला साहिब’ स्थान को कानूनी मान्यता दी गई, जहाँ गुरु नानक देव जी ने तपस्या की थी।

  • बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वार का निर्माण कुरुक्षेत्र में कराया गया और मार्ग को उनके नाम पर समर्पित किया गया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के वक्तव्य से यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा सरकार न केवल धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए संकल्पबद्ध है, बल्कि गुरुओं की शिक्षाओं को युवाओं और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए आधुनिक तरीकों से काम कर रही है। श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन सत्य, न्याय और धर्म के लिए बलिदान की सबसे बड़ी मिसाल है – और यही भाव हर नागरिक के हृदय में बना रहना चाहिए।